Mahoba Women District Hospital: महोबा के महिला जिला अस्पताल में लापरवाही के चलते इलाज के दौरान प्रसूता महिला की मौत होने से परिवार ने जमकर हंगामा किया. हमेशा विवादों में रहने वाले इस अस्पताल में लापरवाही के चलते एक प्रसूता महिला की मौत हो गई. इस पर आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करते हुए डॉक्टर्स पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगाए हैं. आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करते हुए सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया. परिजनों के हंगामा करने की सूचना मिलते ही शहर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. रोते बिलखते परिवार के लोगों ने आरोपी डाक्टर और स्टाफ के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग भी की. 


परिजन ने लगाये लापरवाही के आरोप


कबरई थाना क्षेत्र के गंज गांव का रहने वाला मनोज अपनी 20 वर्षीय पत्नी वंदना के प्रसव पीड़ा होने पर 16 दिसंबर की रात जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचा था. जहां डॉक्टर्स ने डिलीवरी कराने के लिए ऑपरेशन करने की बात कही और इसके एवज में 7 हजार रुपये मांगे. पेशे से मजदूरी करने वाले मनोज ने 7 हजार रुपये मौजूद डॉक्टर स्टाफ को दिए तब डिलीवरी हो सकी. उसके बाद नवजात बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर अलग से पैसों की मांग की गई और उसे भी भर्ती किया गया.


बीती रात अचानक प्रसूता महिला वंदना की हालत बिगड़ने लगी. पति मौजूद स्टाफ और डॉक्टर से इलाज करने की मिन्नत करता रहा, लेकिन अतिरिक्त पैसों की मांग होने पर वह परेशान हो गया. उसके बाद भी मौजूद स्टाफ और डॉक्टर ने लापरवाही बरती और उसका सही इलाज नहीं किया, जिससे महिला की हालत बिगड़ने लगी और सुबह अचानक उसकी मौत हो गई. यही नहीं अस्पताल स्टाफ द्वारा उसे मरने के बाद भी मामले को दबाने की नियत से रेफर करने की कोशिश की गई, जिससे परिवार आक्रोशित हो गया और अस्पताल के अंदर ही हंगामा करने लगा.


रिश्वत लेने की बात भी कही गई


परिजनों का आरोप है कि रिश्वत के बिना अस्पताल में कोई काम नहीं हुआ. ऑपरेशन के एवज में 7 हजार रुपये के अलावा उसने 12 हजार रुपये अस्पताल में खर्च किए, फिर भी उसके मरीज की मौत हो गई. जिला महिला अस्पताल में बरती गई लापरवाही से आक्रोशित परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया और जमकर हंगामा किया. एसडीएम सदर जीतेन्द्र कुमार ने इस जाम को बमुश्किल खुलवाया. मृतका का पति रो-रो कर मामले में जांच और कार्रवाई की मांग कर रहा है. वहीं एक अन्य तीमारदार रघुवीर बताते हैं कि जिला महिला अस्पताल में रिश्वत के बिना कोई काम नहीं होता है. उन्होंने बताया कि पीड़ित भी रात में अपनी पत्नी की डिलीवरी कराने आया था, जिसके लिए उससे भी 3 हजार रुपये तैनात डॉक्टर और स्टाफ ने लिए हैं.


इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम सदर जितेन्द्र कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही शव का मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ जांच की जाएगी. उन्होंने दोषी होने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.


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