Mahoba Firing Case: महोबा मुख्यालय में बीते दिनों ताबड़तोड़ हुई फायरिंग मामले का पुलिस ने बुधवार को खुलासा कर दिया. दुश्मन को फंसाने के लिए पीड़ित ने खौफनाक साजिश को अंजाम दिया था. वारदात में बुआ भी शामिल थी. सनसनीखेज गोलीकांड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो वायरल होने के बाद कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे. पीड़ित की सगी बुआ ने बदमाशों के साथ मिलकर विपक्षी को फंसाने की साजिश रची थी.


दुश्मन को फंसाने के लिए रची कराई फायरिंग


पुलिस ने मुख्य आरोपी बुआ-भतीजा सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर तीन तमंचे, कारतूस, बीस हजार कैश, वारदात में इस्तेमाल की गई कार को भी बरामद कर लिया है. एक बेगुनाह की जिंदगी बचने पर पुलिस की जमकर तारीफ हो रही है. स्वाट, सर्विलांस और शहर कोतवाली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्य के आधार पर घटना का खुलासा किया. 


बता दें कि समद नगर इलाके में 7 जनवरी को बेखौफ दबंगों ने कई राउंड फायरिंग कर दहशत फैलाई थी. राज तिवारी ने पुरानी रंजिश में लईक खान पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने का गंभीर आरोप लगाया. पुलिस ने धारा 307 का मुकदमा दर्ज किया था. ताबड़तोड़ फायरिंग का वीडियो वायरल होने से महोबा पुलिस की किरकिरी होने लगी. पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े होने के साथ-साथ कानून व्यवस्था का मुद्दा भी उठा.


बुआ और भतीजे की साजिश का पर्दाफाश


गोलीकांड का खुलासे करने के लिए पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता ने तीन टीमों का गठन किया. स्वाट, सर्विलांस और शहर कोतवाली पुलिस की टीम ने जांच में सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्य को आधार बनाया. जांच में पाया गया कि दुश्मन को फंसाने के लिए सोची समझी साजिश रची गई थी. खौफनाक वारदात को पीड़ित बने राज तिवारी ने बुआ संतोषी तिवारी के साथ मिलकर अंजाम दिया था.


मुख्य साजिशकर्ता संतोषी ने पुलिस को बताया कि भतीजे राज का विवाद मोहल्ले के कुछ लोगों से चल रहा था. विपक्षी को फंसाने के लिए छतरपुर से छह बदमाशों को साजिश में शामिल किया गया. पुलिस ने बुआ-भतीजा सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. दो अन्य बदमाश अभी भी फरार हैं. मध्य प्रदेश की संतोषी तिवारी ने सगे भतीजे राज के दुश्मन को फंसाने के लिए खौफनाक साजिश को अंजाम दिया. 




वारदात के दिन छतरपुर से आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर पुलिस से झूठी शिकायत की. कानून के लंबे हाथों से संतोषी और भतीजा राज तिवारी सहित 6 लोग मामले में गिरफ्तार कर लिए गए. उनके पास से तीन तमंचे, कारतूस, वारदात में इस्तेमाल की गई कार और 20 हजार रुपए की नगदी बरामद की गई है. पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.


पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता बताती हैं कि ताबड़तोड़ फायरिंग मामले में पुलिस की निष्पक्ष कार्यशैली और दूरदर्शिता से एक बेगुनाह की न केवल जिंदगी बची है बल्कि असली आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं. उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास भी है. दो अन्य फरार अभियुक्तों की तलाश की जा रही है. अभियुक्तों में बुआ संतोषी, भतीजा राज, चंद्रशेखर, अंकित सेन, नफीस खान, नरेंद्र सेन शामिल हैं. दो फरार अभियुक्त लल्लन पाल और कैलाश प्रजापति की तलाश की जा रही है. 


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