महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले की एक अदालत ने तीन साल पहले दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म और उनकी जबरन शादी करवाने के मामले में मंगलवार को एक ग्राम प्रधान सहित चार दोषियों को सजा सुनाई और उन पर जुर्माना भी लगाया.
अदालत ने सुनाया फैसला
विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि, "अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (पॉक्सो) के विशेष न्यायाधीश सन्तोष कुमार यादव की अदालत ने फैसला सुनाया. 15 अगस्त 2017 को 15-15 साल की दो लड़कियों को बहला-फुसलाकर नोएडा ले जाया गया था. इसके बाद उनके साथ दुष्कर्म करने और फिर फर्जी दस्तावेजों से दोनों की उम्र अधिक दिखाकर उनकी जबरन शादी कराने का दोषी पाते हुए टिकमऊ गांव के ग्राम प्रधान सन्तोष और इसी गांव के युवक नरेंद्र उर्फ नन्दू को 20-20 साल की सजा सुनाई गई है. 18 और 30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जबकि, दूसरे युवक अनिल को दुष्कर्म करने और नाबालिग से शादी करने के दोष में 10 साल की सजा दी गई है. 13 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है."
गवाह बनी महिला को मिली सजा
पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि, "इस गैर कानूनी शादी में गवाह बनी महिला मोहनी को पांच साल की सजा हुई है और उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है." उन्होंने बताया कि, "ग्राम प्रधान के खिलाफ लड़कियों से दुष्कर्म करने और फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनकी उम्र अधिक बताकर अनिल और नरेंद्र से जबरन शादी कराने का दोष सिद्ध हुआ है. जबकि, अनिल और नरेंद्र के खिलाफ लड़कियों के अपहरण, दुष्कर्म और उनसे जबरन शादी करने का दोष सिद्ध हुआ है. मोहनी के खिलाफ नाबालिगों की फर्जी शादी में गवाह बनने का दोष सिद्ध है."
परिजनों ने दर्ज कराई थी एफआईआर
पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि, "अनिल और नरेंद्र उर्फ नन्दू घटना के बाद से अब तक जेल में बंद हैं. ग्राम प्रधान और महिला जमानत पर थे. इन दोनों को भी सजा सुनाए जाने के बाद जेल भेज दिया गया है. घटना की प्राथमिकी लड़कियों के परिजनों की तरफ से करवाई गई थी."
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