Mahoba News: महोबा में परिवहन विभाग का गजब कारनामा, बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के प्रचार वाहनों को दिखाई हरी झंडी
Mahaba News: दरअसल सड़क सुरक्षा जागरुता के लिए जिन प्रचार वाहनों को लाया गया था, उनका खुद रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं था, इन्हें चलाने वालों के पास लाइसेंस भी नहीं था.
Mahoba News: यूपी के महोबा में परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा जागरूकता पखवाड़ा का आयोजन में यातायात नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है. लोगों की जागरूकता के लिए जिन पांच प्रचार वाहनों को सदर विधायक और डीएम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया उनमें से चार वाहन आरटीओ विभाग द्वारा बनाए गए नियमों के दायरे से ही बाहर पाए गए. उक्त ई रिक्शा प्रचार वाहन से रजिस्ट्रेशन नंबर ही नदारत था तो वहीं दूसरी तरफ इन्हें चलाने वाले चालक बिना लाइसेंस के ही वाहन को चलाते दिखाई दिए. इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए ट्रांसपोर्ट जोनल कमिश्नर ने जांच की बात कही है.
महोबा जनपद में बने परिवहन विभाग के जिम्मे परिवहन यातायात नियमों के पालन की जिम्मेदारी है. मगर इसकी जमीनी हकीकत की पोल तब खुल गई जब अधिकारियों की मौजूदगी में ही परिवहन विभाग द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा पखवाड़ा कार्यक्रम में बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के ई रिक्शा प्रचार वाहनों को सदर विधायक राकेश गोस्वामी और डीएम मृदुल चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना करा दिया गया.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य सड़क हादसों में बढ़ रही मौत के आंकड़ों को कम करना और युवाओं सहित आम जन में नियमों के प्रति जागरूकता को बढ़ाना था. जिसके लिए शहर के एक कॉलेज में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसमें सदर विधायक राकेश गोस्वामी और डीएम मृदुल चौधरी ने पांच ई रिक्शा प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इन प्रचार वाहनों में बैनर पोस्टर लगाकर एआरटीओ विभाग के निर्धारित नियमों को दर्शाते हुए पालन की अपील लोगों से की गई है. इनमें से चार ई रिक्शा ऐसे थे जिनपर रजिस्ट्रेशन नंबर ही नहीं था.
महोबा परिवहन विभाग का गजब कारनामा
ई रिक्शा चलाने वाले एक शख्स ने बताया कि उसे परिवहन विभाग से प्रचार करने के लिए कहा गया है जिसके लिए वह अपना ई रिक्शा लेकर आया है. उसके ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ और बड़े गजब की बात है कि उसके पास कोई ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं मिला. ऐसा नहीं है कि ऐसा सिर्फ ई रिक्शा में है, शहर में तमाम ऐसे डग्गा मार वाहन चल रहे हैं जिनको लेकर परिवहन विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं.
इस मामले पर जब ट्रांसपोर्ट जोन कमिश्नर डॉक्टर विजय से सवाल किया तो उन्होंने मामले की जांच की बात कही लेकिन, ये मामला सामने आने के बाद चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि जिस विभाग पर यातायात नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी है उसी में इस तरह की लापरवाही दिखेगी को आम लोगों का क्या होगा.