UP News: उत्तर प्रदेश  (Uttar Pradesh) के कई जिलों में अवैध कब्जों के खिलाफ बुलडोजर चल रहा है लेकिन महोबा (Mahoba) में सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जे को हटाने में यहां का प्रशासन नाकाम रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है, ग्रामीण तहसील परिसर पर धरने में बैठ गए हैं. दरअसल, ये ग्रामीण आरक्षित भूमि पर हुए अवैध कब्जे पर बुल्डोजर चलाए जाने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. 


प्रधान भी बैठ गए हैं धरने पर


यह मामला जनपद के सदर तहसील क्षेत्र में आने वाले बिलरही गांव का है. गांव प्रधान भैयालाल विश्वकर्मा के नेतृत्व में पहुंचे दर्जनों ग्रामीण तहसील परिसर पर धरने पर बैठ गए हैं. हाथों में तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रहे ये ग्रामीण सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जे को हटवाने और उस पर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे हैं जबकि लापरवाही बरतने पर एसडीएम,तहसीलदार, लेखपाल और कानूनगो को बर्खास्त किए जाने की भी मांग हो रही है.


इन लोगों का कहना है कि गांव की आरक्षित सरकारी जमीन को पूर्व प्रधान के पति ने साजिश कर एक व्यक्ति को बेच दी. पिछले 10 महीने से इस मामले को लेकर ग्रामीण और वर्तमान प्रधान अधिकारियों की चौखट के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जे को नहीं हटाया गया. भू-माफियाओं द्वारा खुलेआम सरकार की जमीन पर अवैध कब्जा कर निर्माण किया गया और इस मामले में आरोपियों पर कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हुई. सभी बताते हैं कि शिकायत के आधार पर 5 लोगों के खिलाफ धारा 420 के तहत मुकदमा जरूर किया है लेकिन किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई है.


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'हमारे यहां भी अवैध कब्जे पर चले बुलडोजर'


उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाकर कार्यवाही करा रहे हैं लेकिन महोबा का प्रशासन तो सरकारी जमीन को ही नहीं बचा पा रहा. जमीन पर हुए अवैध कब्जे को अभी तक बुल्डोजर से नहीं हटाया गया जिससे ग्रामीणों में खासी नाराजगी है. यहीं वजह की ग्रामीणों ने तहसील परिसर में धरना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि अवैध कब्जे पर अगर बुलडोजर नहीं चला और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो फिर यह धरना आमरण अनशन में बदल दिया जाएगा.


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