Cash-For-Query Case: ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. उनकी सदस्यता कैश फॉर क्वेरी मामले में रद्द की गई है. अब इस मामले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस मामले पर सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिख है कि अगर ये आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो जाएं तो शायद उनका एक दो सासंद-विधायक ही सदन में बचेगा.


सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- "सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले, जिससे मंत्रीगण व सत्ता पक्ष के सासंदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारियों गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे. जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वो आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो जाएं तो शायद उनका एक दो सासंद-विधायक ही सदन में बचेगा. कुछ लोग सत्ता पक्ष के लिए सदन से अधिक सड़क पर घातक साबित होते हैं."







संसद की सदस्यता रद्द होने पर महुआ मोइत्रा ने कहा कि " एथिक्स कमिटी के सामने मेरे खिलाफ कोई भी मुद्दा नहीं था बस उनके पास केवल एक ही मुद्दा था की मैंने अडाणी का मुद्दा उठाया था और इस वजह से संसद की सदस्यता से बर्खास्त किया है." वहीं हुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने पर टीएमसी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि महुआ मोइत्रा परिस्थितियों की शिकार हुई हैं. सीएम ममता बनर्जी ने कहा- "हम महुआ के साथ हैं और ये गणतंत्र के अधिकारो का हनन है. मुझे लगा कि प्रधानमंत्री इस बात पर सही रवैया रखेगे, ये एक दुख भरा दिन है पूरे संसद के लिए."


Mahua Moitra Expulsion: 'गांधी और अंबेडकर की आत्मा रो रही होगी', महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द होने पर बोले दानिश अली