बांदा: आगामी 3 जुलाई को होने वाले जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव को लेकर बांदा में सभी प्रमुख राजनैतिक दलों ने अपने समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. बांदा से भाजपा ने सुनील पटेल ,सपा ने रजनी यादव व बसपा ने सुजाता राजपूत को प्रत्याशी बनाया है. प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद बांदा जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव रोचक हो गया है.


तीनों दलों ने लगाया जोर


प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बांदा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में जीत के लिए सभी दल के प्रत्याशी पूरी ताकत से लगे हैं. वैसे तो बांदा में बीजेपी, सपा और बसपा तीनों दल अपनी जीत को लेकर सुनिश्चित है, लेकिन यहां पर मुख्य मुकाबला सत्ताधारी दल भाजपा और बसपा के बीच हैं. यदि आंकड़ों के हिसाब से देखे तो बसपा की स्थिति ज्यादा मजबूत है, क्योंकि उनके 11 सदस्य हैं और उन्हें सिर्फ 5 सदस्य ही चाहिए. वहीं दूसरी तरफ भाजपा के पास सिर्फ 7 सदस्य हैं और उसे सीट फतह करने के लिए अभी 9 सदस्य और चाहिए.


धनबल, बाहुबल 


सपा और बसपा समर्थित  प्रत्याशियों से जब बात की तो दोनों ही दलों के उम्मीदवारों ने अपनी जीत पक्की बताई और चुनाव जीतने पर जनपद के भारी विकास का दावा भी किया. वहीं, भाजपा समर्थित उम्मीदवार ने क्षेत्र में होने की बात कहकर कैमरे के सामने आने से बचते नजर आए. यूपी में अभी तक जिला पंचायत चुनाव में हमेशा अधिकांशतः सत्ता धारी दल का ही अध्यक्ष बनता है. उस लिहाज से भाजपा के ही अध्यक्ष बनने की अधिक उम्मीद है, लेकिन बसपा को संख्या बल के आधार पर कमतर नहीं आंका जा सकता. जिला पंचायत के चुनाव में जो दूसरी सभी महत्वपूर्ण बात है वह है धन बल की है, जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए मोटी रकम खर्च करते हैं. इसमें जो ज्यादा पैसा सदस्यों को देता है, उसी की जीत लगभग तय होती है.


कुल मिलाकर हमेशा की तरह इस बार भी बांदा जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव धनबल और सत्ता के दबाव से अछूता नहीं रहेगा और इसके लिए सभी दलों के बड़े नेताओं ने जोड़तोड़ की कवायद शुरू कर दी है, लेकिन ऊंट किस करवट बैठता है ये तो 3 जुलाई को ही पता चलेगा.


जिला पंचायत सदस्य 30 सीट


भाजपा - 7
बसपा - 11
सपा -    6
अन्य -   6


जिला पंचायत अध्यक्ष पद में जीत के लिए उम्मीदवार को 16 सीटे चाहिए.


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