Year Ender 2019 इन घटनाओं से सुर्खियों में रहा उत्तर प्रदेश, चुनौतियों से भरा बीता साल 2019
साल 2019 उत्तर प्रदेश के लिये बड़ी चुनौतियों वाला रहा है। पूर्व गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद पर कानून की छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया, यह घटना यूपी में सुर्खियों में रहीं
साल 2019 का आखिरी महीना दिसंबर अपने अंतिम चरण में है। नया साल आने में कुछ ही दिन बचे हैं। अगर हम बात वर्ष 2019 की करें तो देश के लिये काफी उथल-पुथल भरा रहा। देश की राजनीति को विशेष रूप से प्रभावित करनेवाले राज्य उत्तर प्रदेश के लिये साल का यह आखिरी महीना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया नागरिकता संशोधन कानून लागू किये जाने के बाद देश की बड़ी आबादी वाला राज्य यूपी जल उठा। कई शहरों में इसके विरोध में उग्र हिंसा हुई। सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। यही नहीं इसके अलावा उत्तर प्रदेश के लिये यह साल बेहद कठिनाई भरा रहा। दुष्कर्म की कई घटनाओं से राज्य सरकार की किरकिरी हुई। कुल मिलाकर कहा जा सकता है वर्ष 2019, उत्तर प्रदेश के लिये मिला जुला रहा है। हम आपको इस साल की यूपी की कुछ प्रमुख घटनाएं बताने जा रहे हैं।
सोनभद्र नरसंहार
सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत मूर्तिया के उम्भा गांव में 90 बीघा जमीन के विवाद में गुर्जर और गोंड विरादरी के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक ही पक्ष के 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 लोग घायल हुये थे। इस नरसंहार में बिहार कैडर के एक आईएएस का भी नाम सामने आया था। जानकारी यह भी सामने आई कि 2 साल पहले पूर्व आईएएस आशा मिश्रा और उनकी बेटी ने यह जमीन ग्राम प्रधान यज्ञदत्त को बेच दी थी। इसी जमीन पर कब्जे के लिए ग्राम प्रधान करीब 200 हमलावरों के साथ पहुंचा था। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो सैकड़ों राउंड फायरिंग कर लाशें बिछा दी गईं।
यही नहीं इस घटना एक विवाद भी जुड़ गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने एबीपी गंगा के रिपोर्टर से बदसलूकी की। प्रियंका गांधी की मौजूदगी में संदीप सिंह ने रिपोर्टर नीतेश पांडेय पर हमला किया। इतना ही नहीं, संदीप सिंह ने नीतेश पांडेय के जान से मारने धमकी दी और उन्हें अपशब्द भी कहे। साथ ही संदीप सिंह ने एबीपी गंगा के कैमरामैन को भी भला-बुरा कहा। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद प्रियंका गांधी वहां मौन खड़ी रहीं। सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा वीडियो खूब वायरल हुआ।
चिन्मयानंद पर लॉ छात्रा से दुष्कर्म का विवाद
पूर्व गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर एक कानून की छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया। इसके बाद प्रदेश में भाजपा की साख पर सवालिया निशान उठने लगे। वहीं चिन्मयानंद के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर भी पक्षपात का आरोप लगाया गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि योगी सरकार चिन्मयानंद को बचाने की कोशिश कर रही है।
विपक्ष ने इस मुद्दे को प्रदेश में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी ने जमीन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी चिन्मयानंद के मुद्दे को लेकर काफी आगे रहीं।
उन्नाव में हुये दुष्कर्म के मामला सुर्खियों में रहा
राज्य में लगातार बढ़ते दुष्कर्म के मामले एक तरफ जहां सूबे की सरकार लड़कियों व महिलाओं की सुरक्षा को लेकर तमाम दावे करती रही तो वहीं दूसरी तरफ अपराधी दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देते रहे। उन्नाव, कानपुर व कई जिलों से दुष्कर्म के ऐसे मामले सामने आए, जिससे प्रदेश की सरकार के साथ-साथ कानून व्यवस्था कटघरे में खड़ी नजर आई।
हाल ही में उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाने का मामला सामने आया तो वहीं न्याय न मिलने पर रेप पीड़िताओं द्वारा सुसाइड करने का भी मामला सामने आया। इसके अलावा हाई प्रोफाइल केस पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर भी दुष्कर्म का आरोप लगा और दिल्ली एक अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। इस मामले में पीड़िता पर हमले के साथ-साथ उसके परिजनों पर जानलेवा हमले हुए।
साल के अंत में सामने आया नागरिकता कानून से जुड़ा सबसे बड़ा विवाद
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में जमकर प्रदर्शन हुआ। लेकिन सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में देखने को मिला। एक तरफ जहां प्रदेश के डीजीपी कड़ी सुरक्षा की बात करते रहे। वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने राज्य के अलग-अलग जिलों में जमकर हंगामा किया। मुख्य तौर पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, बिजनौर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मऊ, वाराणसी समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने आगजनी व तोड़फोड़ की।
वहीं प्रदेश की पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगे। पुलिस पर गोली चलाने का आरोप लगाया गया। इस प्रदर्शन में करीब 19 लोगों की मौत हो गई। गृह विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक हिंसक प्रदर्शन में 288 पुलिसकर्मी घायल हुए। जिनमें से 61 गोलीबारी में जख्मी हुए हैं। उन्होंने बताया कि 327 मामले दर्ज हुए हैं जबकि 5558 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है।
आगजनी व सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करनेवालों सख्त हुई सरकार
उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों को चिन्हित कर पुलिस प्रशासन ने नोटिस जारी किये। उपद्रवियों की गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है और संपत्ति के नुकसान का आकलन हो रहा है। आपको बता दें कि योगी सरकार ने दंगाइयों और पुलिस पर हमला करनेवालों पर सख्ती बरतते हुये उनसे नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया है।