Mainpuri By-Election 2022: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद उनके प्रतिनिधित्व वाली मैनपुरी संसदीय सीट (Mainpuri Bypoll) पर हो रहे उपचुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) के एकसाथ आने को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने सपा (SP) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यादव परिवार सबसे अच्छी तरह जानता है कि यह एकता कब तक चलेगी. उन्होंने दावा किया कि जनता ने अब वंशवादी राजनीति को खत्म करने का मन बना लिया है.
केशव मौर्य का सपा पर निशाना
केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य का समर्थन करते हुए कहा कि लोगों में मुलायम सिंह यादव के लिए सहानुभूति है, लेकिन वे उपचुनाव में सपा को वोट नहीं देंगे. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पांच दिसंबर को होने वाले मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सपा ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को टिकट दिया है. यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा लगता है कि चुनाव के बाद यादव परिवार एकजुट रहेगा, मौर्य ने कहा, ‘‘यह उनका मामला है’’
चाचा-भतीजा (शिवपाल और अखिलेश) जिनके बीच 2016 में आपसी विवाद के बाद लंबे समय से अच्छे संबंध नहीं थे, एक बार फिर से एक साथ आए हैं और डिंपल की जीत को मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि बताते हुए सीट बरकरार रखने की कोशिश में लगे हैं.
अखिलेश-शिवपाल के बनते-बिगड़ते रिश्ते
2016 में अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने उस समय राज्य सरकार के मंत्री शिवपाल सिंह यादव को बर्खास्त कर दिया था. तब चाचा और भतीजे के बीच रिश्ते खराब हो गए थे. 2017 में जब अखिलेश यादव सपा के अध्यक्ष बने, तब शिवपाल पार्टी से अलग हो गए. शिवपाल सिंह यादव ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया. हालांकि दोनों ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले हाथ मिलाया था, लेकिन उसके बाद उनके रिश्ते फिर से खराब हो गए.
जब से शिवपाल सिंह यादव ने सपा से नाता तोड़ा है, ऐसी अफवाहें थीं कि वो भाजपा में शामिल हो सकते हैं. हालांकि उन्होंने हर बार इसका खंडन किया, लेकिन भाजपा सरकार द्वारा उनकी पार्टी के लिए एक बंगले के आवंटन ने अटकलों को हवा दी थी. उसी दौरान राज्य सरकार ने 2018 में शिवपाल सिंह यादव को ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा भी मुहैया कराई जिसे रविवार को घटाकर ‘वाई श्रेणी’ का करने का आदेश दे दिया गया. शिवपाल सिंह यादव खेमे की करीबी मानी जाने वाली मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने के बाद, सत्तारूढ़ दल से उनकी निकटता के कयास लगाए जाने लगे.
मैनपुरी उपचुनाव में फिर हुए एकजुट
मैनपुरी उपचुनाव घोषित होने के बाद यह संकेत मिला कि भाजपा ने शिवपाल सिंह यादव के एक समय करीबी रघुराज सिंह शाक्य को इसलिए अपना उम्मीदवार बनाया है ताकि शिवपाल की ताकत का अनुकूल लाभ मिल सके. हालांकि सपा द्वारा मैनपुरी के लिए अपने स्टार प्रचारक के रूप में शिवपाल यादव के नाम की घोषणा के बाद पुनर्मिलन प्रक्रिया शुरू हुई और बाद में उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से डिंपल यादव की जीत सुनिश्चित करने के लिए कहा. इसके बाद अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल दोनों ने शिवपाल यादव से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया.
परिवार की एकजुटता पर क्या बोले मौर्य
केशव मौर्य ने कहा, ‘‘‘नेताजी’ ( मुलायम सिंह यादव) के प्रति सहानुभूति की भावना है और लोगों ने उनके निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी है, लेकिन, वे अखिलेश यादव की पार्टी या उसके उम्मीदवार (डिंपल यादव) को वोट देने के लिए तैयार नहीं हैं.’’ मौर्य ने उपचुनाव में भाजपा के बड़े अंतर से जीतने का भरोसा जताया.
मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं- मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंत नगर. 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा ने करहल, किशनी और जसवंत नगर सीटों पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने मैनपुरी और भोगांव सीटों पर जीत हासिल की. अखिलेश की करहल विधानसभा सीट मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इसी तरह जसवंत नगर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व शिवपाल यादव करते हैं. मैनपुरी में पांच दिसंबर को मतदान और आठ दिसंबर को मतगणना होगी.
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