Mainpuri News: आज कल लगातार धोखाधड़ी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. ऐसा ही एक वाकया मैनपुरी में हुआ है, जहां अंतरराज्यीय गैंग के शातिर अभियुक्त रजिस्ट्री विभाग से डाटा चोरी कर अंगूठे का क्लोन तैयार किया. डाटा चोरी करने के बाद फर्जी जन सेवा केंद्र बनाकर एप्स के माध्यम से भोले-भाले लोगों के बैंक खातों से ठगी कर धनराशि निकाल लेते थे. ये मामला बेवर थाना क्षेत्र का है, जहां सुशील कुमार ने बेवर थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके खाते से 19 हजार निकाल लिए गए हैं.


जब पुलिस ने इस मामले की जांच पड़ताल की और साइबर टीम अपनी तकनीकी विश्लेषण और अन्य प्राप्त जानकारियों के आधार पर अंतरराज्यीय गैंग के छह शातिर अभियुक्तों को पकड़ लिया. पकड़े गए अभियुक्तों के पास से 64,030 रुपए नगद, एक लैपटॉप, एक बायोमेट्रिक मशीन, 6 मोबाइल, एक बोलेरो कार और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई. पूछताछ में अभियुक्तों ने एक राय होकर बताया कि हम सब लोग रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की सरकारी वेबसाइट और तहसीलों में होने वाले बेनामा रजिस्ट्री का डाटा लेते हैं. 


कैसी की ठगी?
अभियुक्तों ने बताया कि रजिस्ट्री से क्रेता विक्रेता और गवाहों के अंगूठों के निशान को लैपटॉप की मदद से एडिट कर लेते थे. इसके पश्चात उसका क्लोन बनाकर और ग्राहकों को फर्जी केवाईसी के नाम से और अन्य कोई कारण बताकर उनके खाते से ट्रांसफर कर नगद धनराशि ले लेते थे. उन्होंने बताया कि कुंदन हमारे गैंग का मुखिया है. पिछले कई वर्षों से यह काम कर रहे हैं और पूर्व में भी कई लोगों के साथ घटनाएं करीब कि है.


पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि सुशील कुमार हैं जो बेवर थाना मैनपुरी के रहने वाले हैं. इन्होंने एक मुकदमा लिखवाया था कि इनके साथ फ्रॉड हुआ है. जिसमें 19 हजार रुपए इनके खाते से निकाले गए हैं. जिसमें 420 का मुकदमा पंजीकृत हुआ था. इसमें हमारे साइबर टीम को लगाया गया था, इसमें 6 अभियुक्तों को पकड़ा गया है जो कन्नौज के रहने वाले हैं. इनके कब्जे से 64 हजार रुपए नगद, 6 अदद मोबाइल, 26 आधार कार्ड, सिम कार्ड, अंगूठा क्लोनिंग करने का सामान, लैपटॉप, कई पासबुक, एक बोलेरो गाड़ी और मोटरसाइकिल बरामद हुई है.


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ठगों ने खोला राज
पूछताछ में इन्होंने बताया कि ये रजिस्ट्री की साइट पर जाते हैं और वहां से डाटा लेते हैं. उसमें खरीदने वाले बेचने वाले और गवाहों के अंगूठे के निशान ले लेते हैं और उससे संबंधित आधार कार्ड का नंबर और फोटो कॉपी ले लेते हैं. फिर इसके बाद उस अंगूठे के निशान की क्लोनिंग करते हैं और उसके जरिए आधार कार्ड जनसेवा केन्द्र की आईडी है. उसको ये लोग जनसेवा केन्द्र वालों से फर्जी तरीके से ले लेते हैं. जनसेवा केन्द्र वाला भी इसमें मिला है जो इनको 40 हजार रुपए में इस तरह की आईडी उपलब्ध कराते हैं.


उस आईडी के थ्रू ये लोग क्लोनिंग करके जो अंगूठा का निशान बनाया है, उसके जरिए और आधार कार्ड नंबर के जरिए किसी का भी पैसा निकाल लेते हैं. ये बहुत बड़ा साइबर फ्रॉड गैंग था, जिनके द्वारा अब तक 10 लाख रुपए इस तरह से क्लोनिंग करके निकाले गए हैं. इनके बारे में और भी जानकारी ली जा रही है. इस गैंग का जो मुखिया है वो दिल्ली में रहता है जिसका नाम कुंदन शर्मा है.