Makar Sankranti 2023: बांदा में इस जगह मकर संक्राति पर लगता है अनोखा मेला, प्रेमियों की होती है हर मुराद पुरी
Banda News: मकर संक्राति के अवसर पर भूरागढ़ के नीचे स्थित नट बलि के मंदिर में काफी संख्या में युवक और युवती यहां आकर अपने सच्चे प्यार के लिए मन्नत मांगते हैं और यहां आकर नाम गुदवाते हैं.
Banda News: वैसे तो आपने तमाम स्थानों पर मेले लगते देखे होंगे, लेकिन बांदा (Banda) में मकर संक्रांति के अवसर पर केन नदी के किनारे एक प्रेमी की समाधि पर बने मंदिर में प्रेमियों का अनोखा मेला लगता है. कहा जाता है कि आज के दिन जो भी प्रेमी यहां पर आकर मन्नत मांगते हैं उसे उसका प्यार मिल जाता है. इसके चलते यहां पर दूर-दूर से अपने प्यार को पाने के लिए युवक और युवती यहां आकर नोटबंदी के मंदिर में मन्नत मांगते हैं.
मकर संक्राति के अवसर पर भूरागढ़ के नीचे स्थित नट बलि के मंदिर में काफी संख्या में युवक और युवती यहां आकर अपने सच्चे प्यार के लिए मन्नत मांगते हैं और यहां आकर मंदिर के सामने अपने हाथों में प्रेमी और प्रेमिका का नाम गुदवाते हैं. यहां आने वाले युवक-युवतियों का कहना है कि यहां पर मन्नत मांगने से तमाम लोगों को उनका प्यार मिल गया है. इसलिए वह भी अपने प्यार को पाने के लिए यहां मन्नत मांगने आए हैं और उन्हें उम्मीद है कि नटबली बाबा उनकी भी मन्नत जरूर पूरी करेंगे.
मंदिर को लेकर यह है मान्यता
बांदा शहर की सीमा से लगा हुआ केन नदी के किनारे भूरागढ़ दुर्ग स्थित है, जहां पर किसी समय भूरा सिंह नाम का राजा रहता था और राजा की पुत्री को एक बीरन नाम के नट (खेल तमाशा दिखाने वाले) से प्रेम हो गया था. जब यह बात राजा को पता चली तो उसने राजकुमारी को इसके लिए मना किया, लेकिन जब राजकुमारी नहीं मानी तो राजा ने एक शर्त रखी कि नदी के इस तरफ बने दुर्ग से नदी के दूसरी तरफ स्थित बाम देवेश्वर पर्वत तक एक सूत की रस्सी बांधी जाएगी और अगर नट पर्वत से रस्सी पर चलकर किले तक आ जाएगा तो मैं इसके साथ राजकुमारी की शादी कर दूंगा और आधा राजपाट भी दे दूंगा, लेकिन जब नट सूत की रस्सी पर चलकर नदी पार कर रहा था और किले तक पहुंचने ही वाला था. तब राजा ने रस्सी कटवा दी, जिससे नट की नीचे गिरकर मौत हो गई.
इसके बाद राजकुमारी ने भी केन नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली. जिस स्थान पर नट गिरा था उसी स्थान पर उसकी समाधि बना दी गई और बाद में वहां मंदिर बना दिया गया, जिसे नट बली का मंदिर कहा जाता है. तब से ऐसी मान्यता है कि यहां पर मकर संक्रांति के दिन जो भी युवक-युवती यहां पर आकर नट बलि के मंदिर में अपने प्यार को पाने के लिए सच्चे मन से मन्नत मांगता है तो वह जरूर पूरी होती है.
मन्नत मांगने आए विजय नाम के प्रेमी ने बताया कि नटबली का मेला मकर संक्रांति में प्रेमियों के लिए लगता है और मैं भी यहां आया हूं. मैं भी किसी से प्रेम करता हूं, तो मैं भी अपनी मन्नत लेकर नटबली दरबार में लेकर आया हूं और मुझे विश्वास है कि मेरी मन्नत पूरी होगी.
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