Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का बड़ा महत्व है. इस मौके पर लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इस बार ये त्योहार कोरोना की तीसरी लहर के बीच मनाया जा रहा है. कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. जिसे देखते हुए हरिद्वार जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. प्रशासन ने मकर संक्रांति पर होने वाले गंगा स्नान को लेकर बड़ा फैसला लिया है.


मकर संक्रांति स्नान को लेकर प्रशासन का फैसला


पिछले कुछ दिनों में हरिद्वार में कोरोना के मामलों में लगातार तेजी देखी गई है. जिसके बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर होने वाले श्रद्धालुओं के स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही हर की पौड़ी पर भी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे ने कहा कि 14 जनवरी को रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा. मकर संक्रांति पर दूसरे जिलों और दूसरे राज्य से आने वाले श्रद्धालुओं को यहां आने की अनुमति नहीं होगी. लोगों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने के निर्देश दिए जा रहे हैं.



कोरोना को देखते हुए लिया फैसला


दरअसल, मकर संक्रांति पर हरिद्वार में लाखों श्रद्धालु एक साथ आस्था की डुबकी लगाते हैं. ऐसे में यहां पर कोरोना का खतरा और बढ़ सकता है. जिसे देखते हुए प्रशासन ने ये कड़े फैसले लिए हैं. अगर इस पर प्रतिबंध नहीं लगााया जाता तो यहां पर भारी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को संभालना चुनौती भरा रह सकता था. यहीं नहीं ये स्नान कोरोना का हॉटस्पॉट न बने इसी को देखते हुए ये फैसले लिए गए हैं. हरिद्वार के साथ ही ऋषिकेश प्रशासन ने भी मकर संक्रांति पर स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है.


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