Malaria Attack in Sonbhadra: सोनभद्र में मलेरिया का कहर, 20 बच्चे बीमार मिले, अब तक हो चुकी हैं कई मौतें
Malaria Attack in Sonbhadra: सोनभद्र के कुछ गांवों में मलेरिया फैलने के बाद लखनऊ से आई टीम लोगों की जांच कर रही है. इस बीमारी से कई लोगों की मौत हो जाने की भी खबर है.
Malaria Attack in Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के मकरा और सेंदुर पाटी गांव में कई लोगों की अज्ञात बीमारी से मौत हो चुकी है. वहीं कई लोग अभी भी बीमार हैं. वहीं सोनभद्र का जिला प्रशासन मौत के आंकड़ों में ही उलझा हुआ है. लखनऊ से आई एक टीम इस मामले की जांच कर रही है. प्रशासन ने कई गांवों में कैंप लगाकर मच्छरदानी और दवाइयों का वितरण किया है.
मलेरिया ने ढाया गांव में कहर
मकरा, सिन्दूर पाटी के बगल के ग्राम पंचायत पाटी में भी अब 35 बच्चे मलेरिया और खून की कमी से बीमार हो चुके हैं. अज्ञात बीमारी से हुई मौतों और प्रशासनिक लापरवाही की जांच के लिए लखनऊ से एक टीम आई है. उस टीम ने भी जांच शुरू कर दी है. यह टीम तीन दिन तक जांच करेगी. वही मौतों और लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब हरकत में आया है. स्वास्थ्य विभाग ग्रामीणों में मच्छरदानी और दवाइयां बांट रहा है. गांवों में टैंकर से पानी पहुंचाया जा रहा है. वहां पर सीएमओ नेम सिंह और दुद्धी के एसडीएम रमेश कुमार कैम्प किए हुए हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने लगाया गांव में कैंप
मलेरिया के कहर के बाद गांव मे अब मोबाइल कैंप लगाकर लोगों की जांच की जा रही है. मलेरिया और टाइफाइड के पॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल भेजा जा रहा है. मोबाइल कैंप लगाकार सेंदूर-मकरा से सटे पाटी गांव के विद्यालय में 81 बच्चों की जांच की गई. इसमें 20 बच्चे मलेरिया पॉजिटिव मिले. इस बीच गुरुवार को मलेरिया के 14 मामले मिले.
लखनऊ से आई डॉ. सुदेश कुमार ने बताया कि तीन दिनों तक हम यहां रहकर लोगों की जांच करेंगे और साथ ही दवा वितरण करेंगे. हम पर्याप्त मात्रा में मलेरिया जांच किट लाए हैं. इस क्षेत्र में ऐसे मलेरिया के केस नही आये थे जो एक माह में पाए गए हैं. मलेरिया होने और पीने के पानी से कोई संबंध नहीं है.
अबतक 35 बच्चे हो चुके हैं मलेरिया से संक्रमित
वहीं ग्राम के प्रधान ईश्वर प्रसाद ने बताया कि पाटी गांव में भी 40 दिनों के अंदर 6 से 7 लोगो की मौत हुई है. जबकि पाटी गांव में 35 बच्चे अबतक मलेरिया व खून की कमी से ग्रसित पाए गए हैं. ग्रामीणों की मेडिकल मोबाइल कैप द्वारा जांच की जा रही है. लोग पहले की तरफ हैडपंप का पानी पी रहे है. उनके गांव में टैंकर से स्वच्छ पानी नहीं पहुंचाया जा रहा है.
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