नोएडा. स्थानीय अदालत ने बाइक बोट घोटाला मामले में गिरफ्तार भसीन इन्फोटेक एंड इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सतेंद्र सिंह भसीन उर्फ मोंटू भसीन की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी. दिल्ली निवासी भसीन को मेरठ पुलिस की आर्थिक अपराध ने गिरफ्तार किया था. उसकी ओर से आठ मामलों में जमानत की अर्जी दी गई थी जिन्हें अदालत ने खारिज कर दिया.


आठ याचिकाएं खारिज
सहायक शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र जयंत ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर हुए अरबों रुपए के घोटाले के मामले में गिरफ्तार सत्येंद्र सिंह भसीन उर्फ मंटू भसीन ने स्थानीय अदालत में आठ मामलों में जमानत याचिका दायर की थी. उन्होंने बताया कि उक्त मामले की सुनवाई अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश वेद प्रकाश वर्मा की अदालत में चल रही थी. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के वकीलों की जिरह सुनने के बाद मोंटू भसीन की सभी जमानत याचिकाओं को निरस्त कर दिया.


जयंत ने बताया कि बाइक बोट घोटाला करने वाली गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी द्वारा भसीन की कंपनी में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किये गये हैं. इसी आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई है. भसीन के वकील का कहना था कि गर्वित कंपनी के निदेशकों ने ग्रेटर नोएडा में स्थित उनके वेनिस मॉल में कमर्शियल जगह खरीदी थी, जिसकी वजह से उनके खाते में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स की तरफ से पैसे आए.


वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि बाइक बोट घोटाले के कर्ताधर्ता संजय संजय भाटी व उनके साथियों ने एक षड्यंत्र के तहत मोंटू भसीन की कंपनी में अपने पैसे लगाए. मालूम हो कि बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के कर्ताधर्ता संजय भाटी व उनके दर्जनों साथियों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों से करीब 3,500 करोड़ रुपए की ठगी की है.


इस सिलसिले में दो दर्जन से ज्यादा लोगों की अब तक गिरफ्तारी हुई है, तथा कई आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. घटना की जांच आर्थिक अपराध शाखा मेरठ द्वारा की जा रही है.


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