UP News: पश्चिम बंगाल में चल रहे जबरदस्त सियासी घमासान के बीच आईएएस अधिकारी मनोज पंत को पश्चिमी बंगाल का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. उनका नाम अब सीएम ममता बनर्जी के बड़े सबसे ताकतवर अफसरों की सूची में होगा. मनोज पंत का उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं. इससे पहले जुलाई के महीने में ही राजीव कुमार को सूबे के डीजीपी बनाया गया है. राजीव कुमार उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में अब दीदी के दो दिग्गज अधिकारियों का यूपी-उत्तराखंड से खास कनेक्शन हो गया है.
केंद्र सरकार ने बीपी गोपालिका का कार्यकाल तीन महीने और बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. जिसके बाद आईएएस मनोज पंत को ये जिम्मेदारी दी गई है. मनोज पंत 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वो ममता सरकार में अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे, जिसके बाद अब उन्हें मुख्य सचिव बना दिया गया है.
यूपी-उत्तराखंड से कनेक्शन खास कनेक्शन
आईएएस मनोज पंत अब तक कई विभागों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वो पश्चिम बंगाल के 24 परगना समेत कई जिलों में जिलाधिकारी पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उन्हें वित्तीय मामलों का अंतर्राष्ट्रीय जानकार माना जता है. वो भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में पदेन प्रदान सचिव और विश्व बैंक में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. शुरुआती दिनों में उन्होंने काफी समय नैनीताल में बिताया था.
इससे पहले जुलाई महीने में ही आईएएस राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल का डीजीपी बनाया गया है. राजीव कुमार की गिनती भी ममता बनर्जी के बेहद करीबी अधिकारियों में होती है. राजीव कुमार बतौर डीजीपी प्रदेश की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने उन्हें गैर इलेक्ट्रोटल पद पर ट्रांसफर कर दिया था. लेकिन, चुनाव के बाद उन्हें फिर से डीजीपी पद पर बहाल कर दिया गया.
आईएएस राजीव कुमार 1989 बैच के अधिकारी है. वो उत्तर प्रदेश से आते हैं. साल 2019 में सीबीआई की टीम शारदा चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए पहुंची थी तो पूरी टीएमसी उनके बचाव में उतर आई थी. खुद ममता बनर्जी ने धरने पर बैठ गई और उन्होंने केंद्र पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था.