नई दिल्ली, एबीपी गंगा। पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम नारे को लेकर बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सफाई दी है। ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें किसी भी राजनीतिक दल के नारे से कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि वो जय सिया राम, जय राम जी की, जैसे धार्मिक नारों के पीछे भावनाओं को समझती हैं, लेकिन बीजेपी जय श्री राम के नारे का इस्तेमाल पार्टी स्लोगन के तौर पर कर रही हैं और ऐसे राजनीतिक नारों को थोपने की किसी कोशिश को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।


एक लंबे फेसबुक पोस्ट में ममता बनर्जी ने कहा कि वो लोगों को बताना चाहती हैं कि बीजेपी के समर्थक फेक वीडियो, फेक न्यूज के जरिए गलत सूचनाएं फैला रहे हैं, इससे भ्रम फैल रहा है और सच्चाई छुपाई जा रही है। ममता बनर्जी ने कहा कि राजा राम मोहन राय से लकेर विद्यासागर तक बंगाल महान समाज सुधारकों का स्थल रहा है, लेकिन बीजेपी अपनी रणनीति के जरिए बंगाल में नकारात्मकता फैला रही है।



ममता ने कहा कि अगर कोई पार्टी अपनी रैलियों में कोई खास नारा लगाती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। ममता ने लिखा, 'हर राजनीतिक दल का अपना नारा है, मेरी पार्टी का नारा जय हिंद और वंदे मातरम है, वामदल इंकलाब जिंदाबाद कहते हैं, दूसरी पार्टियों का दूसरा नारा है, हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं।' बीजेपी पर धर्म और राजनीति के घालमेल करने का आरोप लगाते हुए ममता ने आगे लिखा, 'जय सिया राम, जय राम जी की, राम नाम सत्य है इन नारों का धार्मिक और सामाजिक अर्थ है, हम इन भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन बीजेपी धार्मिक नारा जय श्री राम का राजनीतिक नारे के तौर पर इस्तेमाल कर रही है और वो ऐसा कर धर्म और राजनीति को मिला कर रही है।'


ममता बनर्जी ने कहा कि वह इन राजनीतिक नारों को जबरन थोपे जाने का सम्मान नहीं करती हैं, ये काम कथित तौर पर आरएसएस के नाम पर किया जा रहा है, जिसे बंगाल ने कभी स्वीकार नहीं किया है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों शिकस्त खा चुकी ममता ने कहा कि बीजेपी जानबूझकर नफरत की विचारधारा को तोड़फोड़ और हिंसा के जरिए फैलाने की कोशिश कर रही है, इसे हमें एक साथ मिलकर रोकना चाहिए।



ममता ने आगाह करते हुए कहा कि वक्त आ गया है कि ऐसी हिंसा, अव्यवस्था फैलाने वाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जो लोग दूषित विचारधारा फैलाने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं उन्हें जवाब दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर सभी राजनीतिक पार्टियां इन विभाजनकारी कामों में लग जाएं तो माहौल बेहद नकारात्मक हो जाएगा। ममता ने कहा कि हम सभी लोगों को मिलकर बीजेपी के ऐसे कदमों का विरोध करना चाहिए ताकि संविधान के मुताबिक देश का सेकुलर चरित्र बरकरार रह सके।


ट्विटर और फेसबुक पर बदली डीपी


इतना ही नहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं के जय श्री राम का नारा लगाने पर पिछले दिनों भड़की ममता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और फेसबुक पर अपनी डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) बदल दी। अब उनकी डीपी में 'जय हिंद, जय बांग्ला' लिखा नजर आ रहा है। बता दें कि ममता के साथ ही उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने भी अपनी डीपी बदल दी है।



पढ़ें- पूरी फेसबुक पोस्ट


हम जनसाधारण को यह सूचित करना चाहते हैं कि भाजपा के कुछ समर्थक मीडिया के एक वर्ग के जरिए घृणा की विचारधारा फ़ैलाने का प्रयास कर रहे हैं - तथाकथित भाजपाई मीडिया तथा तथाकथित जाली वीडियो,जाली ख़बरें,झूठी ख़बरें,और दुष्प्रचार करके वे गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं तथा सच्चाई और वास्तविकता को दबाना चाहते हैं |


जहाँ तक मीडिया का सवाल है, हमें कोई समस्या नहीं है क्योंकि यह उनकी पसंद और उनका विशेषाधिकार है |


राममोहन रॉय से लेकर विद्यासागर तथा अन्य महान समाज सुधारकों के समय से बंगाल, मेलबंधन,उन्नति और दूरदर्शिता का आधार रहा है | मगर आज भाजपा ने विकृत विचार वाली कपट - विद्या का सहारा लेकर बंगाल को बड़े ही नकारात्मक तरीके से लक्ष्य बना रखा है |


मुझे किसी भी राजनैतिक दल की रैली तथा उनके दल के मतलब के लिए बनाए गए नारों से कोई समस्या नहीं है | प्रत्येक राजनैतिक पार्टी का अपना नारा होता है | मेरी पार्टी का नारा जय हिन्द,वन्दे मातरम् है |वाम पार्टियों का नारा इंकलाब जिंदाबाद है | इसी प्रकार दूसरों के अलग -अलग नारे हैं | हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं |


जय सिया राम,जय राम जी की,राम नाम सत्य है आदि नारों का धार्मिक और सामाजिक अर्थ है | हम इन मनोभावों का आदर करते हैं | लेकिन भाजपा धार्मिक नारे, जय सिया राम को विकृत रूप से अपने पार्टी के नारे के रूप में काम में लगा रही है तथा इसके माध्यम से धर्म और राजनीति को एक साथ मिला रही है | हम तथाकथित आर एस एस द्वारा दूसरों पर इन जबरदस्ती के थोपे गए राजनीति नारों का सम्मान नहीं करते हैं जिसे बंगाल ने कभी भी मान्यता नहीं दी | यह जानबूझकर बर्बरता और हिंसा के जरिये घृणा की विचारधारा को बेचने जैसा है जिसका हम सभी को मिलजुल कर विरोध करना चाहिए |


कुछ लोग कभी - कभी कुछ समय तक कुछ लोगों को भ्रमित कर सकते हैं लेकिन हमेशा सभी लोगों को भ्रमित नहीं किया जा सकता है |


अब राजनैतिक कर्मियों को नियंत्रित करने के लिए सही कार्यवाई करने का समय आ गया है ताकि वे तथाकथित धर्म की आड़ लेकर लोगों में मतभेद पैदा करने के लिए विकृत विचारधारा का सहारा लेकर उपद्रव,अराजकता,हिंसा तथा सामान्य जनजीवन को नष्ट करने की गतिविधियों में शामिल न हों | यदि सभी राजनैतिक पार्टियाँ ऐसी विभेदात्मक और गड़बड़ी फ़ैलाने वाली गतिविधियों का सहारा लेने लगे तो पूरा वातावरण ही दूषित और अनुत्पादक हो जाएगा |


हमें भाजपा के ऐसे क्रियाकलापों का मजबूती से विरोध करना चाहिए और हम ज़रूर करेंगे ताकि हमारे संविधान में प्रतिष्ठापित देश की धर्मनिरपेक्ष विशेषता को अक्षुण्ण रख सकें |


मै देश तथा राज्य के सभी लोगों से अपील करती हूँ कि घृणा की राजनीति को उचित जवाब दें तथा हमारे देश की महान संस्कृति और विरासत का सम्मान करें |


आइए, हम सभी अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करें |


जय हिन्द,जय बांग्ला,जय हे |