रायबरेली: यूं तो आम आदमी के साथ जालसाजी व धोखाधड़ी की अनेकों घटनाएं हम आपने सुनी व देखी होंगी, लेकिन जब आईएएस व आईपीएस के साथ नटवरलाल आंख मिचौली का खेल खेलने लगे तो इन जालसाजों व नटवरलालों को कहां से संरक्षण मिल रहा है, यह अहम सवाल है. चंद दिनों पहले ही रायबरेली पुलिस अधीक्षक को जहां मुख्यमंत्री का फर्जी सलाहकार बनकर रौब में लेने वाला नटवरलाल पुलिस के हत्थे चढ़ा था तो वहीं आज जिला अधिकारी को रौब में लेने वाले एक फर्जी महाधिवक्ता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
डीएम से रौब दिखाकर कर रहा था पैरवी
पुलिस के शिकंजे में आया शख्स अपने आप को महाधिवक्ता बताकर जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को फोन पर दबाव में लेकर एक मामले में पैरवी कर रहा था. जैसे ही इस नटवरलाल पर जिलाधिकारी को शंका हुई, उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी. नम्बर के आधार पर नटवरलाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पकड़े गए नटवरलाल का असली नाम विजय कुमार है और यह महराजगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला है. वहीं, जिस शख्स ने डीएम को फोन किया था उसकी तलाश में पुलिस ने टीमें लगा दी है और आरोपी नटवरलाल विजय को हिरासत में पुलिस में ले लिया, जबकि दूसरे की तलाश जारी है.
मुकदमा दर्ज करवाया गया
जैसे ही नटवरलाल पकड़ा गया. जिलाधिकारी ने अपने कार्यालय बुलाकर पूछताछ की. उसके बाद नाजिर मनोज श्रीवास्तव कोतवाली जाकर फर्जी महाधिवक्ता नटवरलाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया.
एक नटवरलाल ने जिलाधिकारी के सीयूजी नम्बर पर फोन कर अपने आपको महाधिवक्ता लखनऊ बताया और जिला अधिकारी को रौब में ले रहा था, जब जिलाधिकारी को शक हुआ तो उन्होंने इसकी जांच पड़ताल शुरू की और जिस शख्स की सिफारिश नटवरलाल ने की थी उस आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और दूसरे नटवरलाल की तलाश में पुलिस लग गई है.
ये भी पढ़ें.
68 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में कोर्ट का सख्त रुख, अधिकारियों को दस्तावेजों के साथ किया तलब