फिरोजाबाद, एबीपी गंगाः स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के तहत आयोजित 'वर्चुअल स्वच्छ महोत्सव' में फिरोजाबाद के नगर निगम को फास्टेस्ट मूवर सिटी अवार्ड से नवाजा गया. लेकिन बात जमीनी हकीकत की की जाए तो फिरोजाबाद के नगर निगम में घोर लापरवाही है. नगर निगम को भले ही अवार्ड मिल गया हो लेकिन आज देर रात की घटना ने इस अवार्ड पर कहीं ना कहीं प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है. इस घटना में एक व्यक्ति की जान गई है. वह भी नगर निगम कि खुले पड़े उस मेनहॉल में जिस पर आज तक ढक्कन ही नहीं लगा.
दरअसल, घटना फिरोजाबाद के कोटला चुंगी चौराहे के समीप की है. जहां सुरेश चंद्र नाम का व्यक्ति अपने घर जा रहा था. तभी वह कोटला चुंगी चौराहे के समीप बने खुले मेनहोल में गिर गया. जब लोगों को पता चला तो पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस पहुंची और क्षेत्र के लोगों की मदद से सुरेश चंद्र को मेनहोल से बाहर निकाला गया लेकिन तब तक शायद देर हो चुकी थी. सुरेश अचेत था. उसके परिवार वाले उसे सरकारी ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे. लेकिन सुरेश चंद की जिंदगी ने सरकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचने से पहले ही उसका साथ छोड़ दिया था. उसकी मौत हो चुकी थी. डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. फ़िलहाल घटना के 2 घंटे तक कोई भी नगर निगम का अधिकारी वहां नहीं पहुंचा.
सुरेश चंद्र कस्तूरबा इंटर कॉलेज में चपरासी के पद पर तैनात था. उसकी सरकारी नौकरी थी लेकिन वह अपने परिवार का सहारा था. अब नगर निगम की लापरवाही से वह सहारा छिन चुका है. अब भले ही नगर निगम की मेयर नूतन राठौर या नगर आयुक्त विजय कुमार यह लोगों को तसल्ली दिलाते रहें कि फिरोजाबाद के नगर निगम को फास्टेस्ट मूवर सिटी अवार्ड से नवाजा गया हो लेकिन एक अवार्ड किसी की जिंदगी से ज्यादा नहीं हो सकता.
प्रत्यक्षदर्शी नमन ने बताया कि वह दूध लेने आया तो यहां मेनहॉल के पास काफी भीड़ लगी हुई थी. दो पुलिस वाले आए और उन्होंने उस व्यक्ति को हिलाया. उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लगता है कि उसकी मौत हो गई है. ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर शैलेंद्र यादव ने बताया कि सुरेश चंद नाम का एक व्यक्ति, जो कि मेनहोल में गिर गया था, उसे यहां मृत अवस्था में लाया गया है.
ये भी पढ़ें
फिरोजाबादः फर्जी टिकट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो लोग गिरफ्तार
फिरोजाबादः चेकिंग के दौरान पुलिस की बदमाशों से मुठभेड़, 25 हजार का इनामी नसीर गिरफ्तार