UP News: यूपी के आजमगढ़ जिले के अहिरौला सीएचसी पर रविवार के दिन उस वक्त तोड़फोड़ हो गई जब हाई वोल्टेज करंट से झुलसे एक व्यक्ति को लेकर उसके परिजन सीएचसी पहुंचे थे. इस दौरान वहां डॉक्टर समेत कोई स्टाफ मौजूद नहीं था. इस पर परिजनों का कहना है कि वो आधे घंटे तक गेट पर खड़े होकर इलाज के लिए चिल्लाते रहे लेकिन कोई भी डॉक्टर बाहर नहीं आया. परिजनों के मुताबिक पीड़ित हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आकर झुलस गया था और जब उसे लेकर अहीरौला सीएचसी पहुंचे तो वहां कोई मौजूद नहीं था.
 
मामला रविवार शाम लगभग 5 बजे का है, जब हाशापुर गांव निवासी 24 वर्षीय रमाकांत यादव सीढ़ी लेकर जा रहा था. इस दौरान वह उसके घर के बगल से गुजर रही हाई टेंशन तार की चपेट में आ गया. जिससे वह बुरी तरह से झुलस गया. ग्रामीण और परिजन आनन-फानन में उसे ऑटो रिक्शा से सीएचसी अहरौला लेकर पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि वह आधे घंटे से ज्यादा समय तक अस्पताल के गेट पर मरीज को लेकर चीखते चिल्लाते रहे, लेकिन कोई भी उनकी मदद को नहीं निकला.


सीएचसी में ग्रामीणों ने की तोड़फोड़


परिजनों का आरोप है कि सीएचसी में मौके पर इमरजेंसी में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. काफी देर इधर-उधर तलाशने के लगभग आधे घंटे बाद एक फार्मासिस्ट अपने कमरे से निकलकर पहुंचा. तब तक आक्रोशीत ग्रामीण और परिजनों ने गेट पर तोड़ फोड़ कर दिया. इसके बाद पीड़ित की जांच हुई तो उसकी खराब हो रही तबीयत को देख परिजन उसे फूलपुर स्थित प्राइवेट अस्पताल ले कर गए जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.


सीएमओ करवा रहे लापरवाही की जांच


आक्रोशित लोगों ने व्यवस्था को जमकर कोसा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को फोन कर मामले से अवगत भी कराया. स्थानीय लोग ऐसी व्यवस्था के जिम्मेदार लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं. लोगों ने ये भी कहा की यहां अक्सर डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं और इसकी शिकायत समय-समय पर सीएमओ से करने पर भी वो इस पर संज्ञान नहीं ले रहे हैं. वहीं मामले में जब मुख्य चिकित्सकारी से पूछा गया तो उनका कहना है कि इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.


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