लखनऊ, एबीपी गंगा। कहते हैं कि जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में होती हैं। लखनऊ में इसी कहावत का उदाहरण देखने को मिला है। बहराइच का रहने वाला अंकुर घर से निकला तो था सुसाइड करने, लेकिन पहुंच गया अस्पताल। चिनहट के मैकवेल अस्पताल में काम करने वाले अंकुर को दो महीने से सैलरी नहीं मिल रही थी। आर्थिक तंगी से अंकुर इतना परेशान हो गया कि उसने सुसाइड करने का फैसला किया। अंकुर आत्महत्या करने के लिए घर से निकला, कमरे में दो पन्ने का सुसाइड नोट भी लिखा। बड़े भाई को फोन कर फांसी लगाने की सूचना भी दी, लेकिन घर से बाहर निकलते ही उसका एक्सीडेंट हो गया और वह जिंदा बच गया। फिलहाल सुसाइड नोट लिखने वाले अंकुर को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


बीती रात चिनहट पुलिस को बहराइच के रहने वाले जयंकर प्रताप सिंह ने अपने चचेरे छोटे भाई की आत्महत्या की लिखित शिकायत की। शिकायत में मैकवेल अस्पताल संचालकों द्वारा तनख्वाह न मिलने से भाई की आत्महत्या की वजह बताई गई।


उसने बताया कि अस्पताल में दिन-रात मेहनत करने के बावजूद सैलरी न मिलने से अंकुर हताश हो गया था। इसीलिए उसने आत्महत्या करने की सोची। आत्महत्या करने के लिए अंकुर ने अपने किराए के कमरे में दो पन्ने का सुसाइड नोट लिखा। बड़े भाई को फोन कर आत्महत्या करने की जानकारी भी दी। फोन पर भाई की आत्महत्या की खबर मिली तो जयंकर सिंह ने पुलिस को सूचना दे दी, लेकिन इसी बीच अंकुर सुसाइड करने के लिए घर से बाहर निकला और अचानक बाराबंकी के रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया। जिसके बाद वो सीधे अस्पताल पहुंच गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने अंकुर को सैलरी दिलाने की बात भी कही है।