वाराणसी: मंडुआडीह स्टेशन अब बनारस स्टेशन के नाम से जाना जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन रखने की मंजूरी दे दी है, जिससे आम जनता और यात्री उत्साहित हैं.


विकास से अछूता था ये स्टेशन


वाराणसी के स्टेशनों में आज जिसका नाम एक वीआईपी स्टेशन के तौर पर लिया जाता था, वो कभी विकास से अछूता था. मात्र तीन प्लेटफार्म थे और स्टेशन पर बदहाली थी.


2019 में बदला स्वरूप
जनवरी 2019 में इसका नवनिर्माण हुआ और इसे नई तस्वीर मिली. तभी से इसके नाम बदलने को लेकर कवायद शुरू हो गयी थी. उस समय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा थे और इस बात को लेकर पूरी काशी ने जबरदस्त समर्थन किया था, लेकिन बाद में ये मामला ठंडा पड़ता नजर आ रहा था. लेकिन अब जाकर इसे मंजूरी मिली है, जिसके बाद अब ये स्टेशन नाम की पहचान का मोहताज नहीं होगा.


नये नाम से मिलेगी पहचान


इस स्टेशन पर अब आठ प्लेटफार्म हैं और आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं ये स्टेशन. जल्द ही वाराणसी से जुड़े अधिकारियों को आदेश आ जायेगा और इस स्टेशन का नाम पूरी तरह बदल जायेगा. वाराणसी के रहने वाले अंकित सिंह की माने तो मंडुआडीह अगर कहीं बताते थे तो लोग पूछते थे, ये कहां है? जब बनारस स्टेशन बोलेंगे तो अलग पहचान बड़ी पहचान मिलेगी.


यात्री पंकज सिंह की माने तो इनके घर वाले भी मंडुआडीह नहीं जान पाते लेकिन बनारस का नाम जब होगा तब अलग पहचान मिलेगी. अभी इस स्टेशन से शिवगंगा ट्रेन दिल्ली की ओर जाती है और अब बनारस स्टेशन सीधा दिल्ली को जोड़ेगा. अधिकारी आदेश का इन्तजार कर रहे हैं, जैसे ही आदेश आएगा तुरंत नये नाम का बोर्ड भी लग जायेगा.


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