Maneater Leopard killed in Uttarakhand: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में आदमखोर तेंदुए को शूटर्स ने मार गिराया है. राज्य में बीते एक साल में ये सातवां आदमखोर तेंदुआ है, जिसे मारा गया है. बता दें कि शनिवार को जिले के सिल्ला-बहमन गांव में तेंदुआ डेढ़ साल की बच्ची को उठाकर ले गया था. वन विभाग की टीम ने बच्ची की तलाश के लिए इलाके में तलाशी ली, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. जिसके बाद तेंदुए को मारने के लिए निशानेबाजों की टीम तैनात की गई.
42वें आदमखोर तेंदुए को मार गिराने वाले निशानेबाज जॉय हुकिल ने बताया कि तेंदुआ मादा है और उसकी उम्र करीब 8 साल रही होगी. उन्होंने बताया कि फॉरेस्ट रेंजर पर हमले के बाद तेंदुए को मारना पड़ा. तेंदुए के मारे जाने की खबर मिलने के बाद गांव के लोगों में सुकून है. वहीं, बच्ची का अभी तक शव नहीं मिलने से उसके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.
नॉर्थ जखोली रेंज के ऑफिसर रजनीश लोहानी ने बताया कि बच्ची के परिवार को मुआवजे के तौर पर 1.2 लाख रुपये की राशि दी गई है. उन्होंने बताया कि हमने अभी 4 लाख रुपये की अनुग्रहपूर्वक राशि जारी नहीं की है क्योंकि उसके शव को अभी ढूंढा जा रहा है.
तेंदुए के हमले में इस साल 19 लोगों की मौत
आदमखोर तेंदुओं के हमले में इस साल राज्य के अब तक 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. पिथौरागढ़ के एक युवक की इसी सोमवार को मौत हो गई. तेंदुए के हमले में वो बुरी तरह घायल हो गया था. उसका इलाज अस्पताल में चल रहा था. बीते 10 दिनों में ही पांच लोगों पर हमला हो चुका है. पिथौरागढ़ जिले में अभी एक आदमखोर तेंदुए की तलाश अभी भी जारी है. इस तेंदुए ने पाली गांव में बीते हफ्ते 10 साल के बच्चे को अपना निवाला बनाया था.
वन अधिकारियों ने बताया कि 6 तेंदुए जिनको मारा गया ने सभी शारीरिक विकलांगता के शिकार थे. उत्तराखंड वन विभाग के मुख्य वन्यजीव वार्डन जेएस सुहाग ने बताया कि विकलांगता के कारण जानवर मजबूत शिकार पर हमला करने में असमर्थ हो जाते हैं, इसलिए वो आदमखोर बन जाते हैं.
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