Uttarakhand Assembly Election 2022: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के उनकी बात नहीं सुनने के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि इसका मतलब यह है कि उनपर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का दबाव नहीं चलता. हरिद्वार (Haridwar) जिले के मंगलौर में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा कि राहुल सुनते नहीं है. उन्होंने कहा, 'इस लाइन का मतलब आपको मैं बताता हूं. इसका मतलब है कि राहुल पर ईडी और सीबीआई का दवाब नहीं चलता, यह मेरी नहीं सुनता. इसपर मैं जितना भी दबाव डाल दूं, यह पीछे नहीं हटता.''


मुझे पीएम से डर नहीं लगता-राहुल
इस संबंध में गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री सोचते हैं कि सबको उनसे डर लगता है, लेकिन उन्हें उनसे डर नहीं लगता. उन्होंने कहा, ''उल्टा उनके अहंकार को देखकर मुझे हंसी आती है.'' देश को अरबपतियों और गरीबों के दो हिस्सों में बांटकर 'दो हिंदुस्तान' बनाने के अपने आरोप को दोहराते हुए कांग्रेस नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी और गलत जीएसटी जैसे फैसलों को लागू कर छोटे व्यापारियों, दुकानदारों, किसानों और मजदूरों को बर्बाद कर दिया.


पीएम से पूछा ये सवाल
राहुल गांधी ने लोगों से पूछा कि क्या नोटबंदी से देश में काला धन समाप्त हो गया? कांग्रेस नेता ने कहा, ''यह कालाधन सफेद हो गया और बीजेपी को मिल गया.'' गांधी ने कहा कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण उत्तराखंड सहित पूरा देश बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है. ​उन्होंने कहा कि देश को रोजगार अरबपति नहीं बल्कि छोटे व्यापारी, दुकानदार और किसान देते हैं जिन्हें केंद्र सरकार ने बर्बाद कर दिया.


कोरोना में लोगों से थाली बजवाए-राहुल
राहुल गांधी ने कोरोना महामारी से निपटने में विफल रहने का भी आरोप लगाया और कहा कि जहां दूसरे देशों ने अपने नागरिकों से इससे सावधान रहने को कहा जबकि मोदी ने लोगों से थाली बजाने और मोबाइल फोन की रोशनी जलाने को कहा. उन्होंने कहा, ''जब आपके माता-पिता और बच्चों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की जरूरत थी तो आपकी सरकार कहां थी?'' गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के समय केंद्र सरकार ने मजदूरों को सड़कों पर बेसहारा छोड़ दिया जबकि कांग्रेस द्वारा उनके लिए ​की गयी बसों की व्यवस्था को भी बीजेपी की सरकारों ने लेने से मना कर दिया.


रोजगार देने की बजाय छीना-राहुल
कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने हर साल दो करोड युवाओं को रोजगार का वादा किया था लेकिन उसने उनका भी रोजगार छीन लिया, जिनके पास रोजगार था. उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 27 करोड लोगों को गरीबी से निकाला था लेकिन मोदी सरकार ने पिछले सात सालों में 23 करोड लोगों को दोबारा गरीबी में धकेल दिया.


अरबपतियों को फायदा पहुंचाया गया-राहुल
गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री गरीबों की जेब से धन निकालकर चंद अरबपतियों को फायदा पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा, ''आज के हिंदुस्तान में 100 लोगों के पास उतना धन है जितना देश की 40 प्रतिशत आबादी के पास है.'' इस संबंध में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढोत्तरी का उदाहरण दिया और कहा, ''जब आप पेट्रोप पंप पर जाते हो, आपकी जेब में से पैसा निकलता है और सीधा हिंदुस्तान के दो-तीन अरबपतियों के पास डायरेक्ट ट्रांसफर हो जाता है.''


पीएम मोदी को बताया राजा
गांधी ने उत्तराखंड में पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बदलने का मुद्दा भी उठाया और आरोप लगाया कि उनके 'भ्रष्ट और चोर' होने के कारण उन्हें हटाया गया. उन्होंने कहा कि ''बीजेपी में चोरों की लाइन लगी हुई है और एक के बाद एक नया मुख्यमंत्री लाकर उसे चोरी का मौका दिया गया.'' मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बल्कि 'राजा' बताते हुए कांग्रेस नेता ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि वह यह सोचते हैं कि पिछले 70 साल में किसी ने कोई काम नहीं किया और केवल उनके आने के बाद से ही देश जागा है.


कांग्रेस की सरकार बनाने को कहा
राहुल गांधी ने जनता से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह उनकी अपनी सरकार होगी जहां हर वर्ग का ध्यान रखा जाएगा. गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने समाज के हर वर्ग से बातचीत कर अपना घोषणापत्र 'चारधाम, चारकाम' बनाया है जिसके तहत रसोई गैस सिलें​डर की कीमत 500 रुपये से ज्यादा न होने देने, चार लाख युवाओं को रोजगार देने, हर साल पांच लाख गरीब परिवारों को सालाना 40 हजार रुपये देने और घर-घर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का वादा किया गया है.


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