CM योगी,अखिलेश, मायावती, राहुल... मंगेश यादव एनकाउंटर मामले में अब तक किसने क्या कहा?
Mangesh Yadav एनकाउंटर मामले में मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं अब तक इस मामले पर सियासत जमकर हो रही है.
Mangesh Yadav News: उत्तर प्रदेश स्थित सुल्तानपुर में सर्राफा व्यावसायी के हुए लूट कांड में मंगेश यादव के एनकाउंटर के मामले में अब राजनीति तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहां यह आरोप लगाया कि जात देखकर कार्रवाई हो रही है तो वहीं बहुजन समाज पार्टी चीफ मायावती ने इस मामले में सपा और भारतीय जनता पार्टी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जब जब अपराधियों पर कार्रवाई होती है सपा तिलमिला जाती है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मामले पर कहा कि भाजपा शासित राज्यों में ‘कानून और संविधान’ की धज्जियां वही उड़ा रहे हैं, जिनपर उनका पालन कराने की ज़िम्मेदारी है.
सबसे पहले बोले अखिलेश
सबसे पहले इस मामले पर कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने अपना विरोध दर्ज कराया. उन्होंने आरोप लगाया कि जात देखकर प्रशासन एक्शन ले रहा है. उन्होंने लिखा कि लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी.
अखिलेश ने लिखा था- जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे.
सपा चीफ ने लिखा- नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं. समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है. भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है. जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है. जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फँसाया जाता है. घोर निंदनीय!
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इसके बाद सपा नेता ने लिखा कि दो दिन पहले जिसको उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक़ सटाकर गोली मारकर हत्या की गयी. अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है. इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायालय तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले की सबूत मिटा दिये जाएं.
मंगेश यादव के परिजन का वीडियो शेयर कर अखिलेश ने लिखा- इस बच्ची के आँसूओं की गवाही के आधार पर माननीय न्यायालय व मानवाधिकार आयोग से तत्काल सक्रिय होने का अति विनम्र आग्रह है. सत्ताधारियों और उनके समर्थकों व नाजायज़ कृत्यों में लिप्त भाजपा सरकार के अधिकारियों की ‘अंतरात्मा’ से भी आग्रह है कि अगर उनके अंदर हृदय शेष है और अंशमात्र भी संवेदनशीलता बची है तो वो भी इस बच्ची के दुख-दर्द को अपने परिवार की किसी बच्ची का दुख-दर्द समझकर, इस अश्रुपूर्ण व्यथा-विलाप का संज्ञान लें.
रायबरेली सांसद राहुल गांधी क्या बोले?
इस मामले पर रायबरेली सांसद राहुल गांधी ने लिखा- भाजपा शासित राज्यों में ‘कानून और संविधान’ की धज्जियां वही उड़ा रहे हैं, जिनपर उनका पालन कराने की ज़िम्मेदारी है. सुल्तानपर में हुए मंगेश यादव के एनकाउंटर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भाजपा ‘Rule Of Law’ पर विश्वास ही नहीं करती. मंगेश के परिवार के आंसू पूरे देश से सवाल पूछ रहे हैं - कौन जिएगा और कौन नहीं, इसका फैसला अदालत करेगी या पुलिस? STF जैसी प्रोफेशनल फोर्स को भाजपा सरकार में ‘आपराधिक गिरोह’ की तरह चलाया जा रहा है, जिसपर केंद्र सरकार की चुप्पी इस ‘ठोको नीति’ पर उनकी स्पष्ट सहमति है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा- UP STF के दर्जनों एनकाउंटर सवालों के घेरे में हैं. क्या आज तक उनमें से किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई हुई? आखिर कौन उन्हें बचा रहा है और क्यों?कैमरों के आगे संविधान को माथे से लगाना सिर्फ ढोंग है, जब आपकी सरकारें ही उसकी खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हों. उत्तरप्रदेश में हुए सभी संदिग्ध एनकाउण्टर्स की निष्पक्ष जांच कर इंसाफ किया जाना चाहिए. वर्दी पर लगी खून की छींटें साफ होनी चाहिए.
मायावती ने सपा बीजेपी को घेरा
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने कहा कि यूपी के सुलतानपुर जिले में एनकाउन्टर की घटना के बाद से बीजेपी व सपा में कानून-व्यवस्था को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं तथा अपराध, अपराधी व जाति के नाम पर जबरदस्ती की राजनीति की जा रही है, जबकि इस मामले में ये दोनों चोर-चोर मौसेरे भाई जैसे हैं. अर्थात् बीजेपी की तरह सपा सरकार में भी तो कई गुणा ज्यादा कानून-व्यवस्था का बुरा हाल था. दलितों, अन्य पिछडे़ वर्गों, गरीबों व व्यापारियों आदि को सपा के गुण्डे, माफिया दिन-दहाड़े लूटते व मारते-पीटते थे, ये सब लोग भूले नहीं हैं.पूर्व सांसद ने लिखा- जबकि उत्तर प्रदेश में वास्तव में ’’क़ानून द्वारा क़ानून का राज’’, बी.एस.पी. के शासन में ही रहा है. जाति व धर्म के भेदभाव के बिना लोगों को न्याय दिया गया. कोई फर्जी एनकाउन्टर आदि भी नहीं हुये. अतः बीजेपी व सपा के कानूनी राज के नाटक से सभी सजग रहें.
चंद्रशेखर ने सुप्रीम कोर्ट से की मांग
उधर, नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सुल्तानपुर में "सर्राफा कारोबारी डकैती" के मामले में आरोपी जौनपुर निवासी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर आरोपी की माँ द्वारा उठाया गया सवाल (पुलिस ने सितंबर की रात पूछताछ के बहाने घर से उठाया और तीसरे दिन गोली मारकर हत्या कर दी) चिंता का विषय है. एनकाउंटर, शासनिक हत्या का साधन बन गया है. शासनिक हत्या भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 में प्राप्त "जीवन की आजादी" के मौलिक अधिकार की भी हत्या है. मैं सुप्रीम कोर्ट से मामले को संज्ञान में लेकर उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच कराने का निवेदन करता हूं.
मुख्यमंत्री ने दिया सबको जवाब!
इन सबके बीच पुलिस और सरकार पर हो रहे हमलों का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ में जब कोई डकैत मारा जा रहा है तो समाजवादी पार्टी को बुरा लग रहा है. अगर कोई 'कानून' को 'ठेंगा' दिखाने का काम करेगा, तो उसका 'काम' तमाम करने का कार्य भी सरकार करेगी. उन्गोंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के लोगों को अवसर मिलेगा तो फिर डकैती, लूटपाट शुरू हो जाएगी. पर्व और त्योहारों में विघ्न-बाधा शुरू हो जाएगी.
सुल्तानपुर एनकाउंटर मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में डकैती के एक आरोपी को 5 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में गोली लगने से मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जिला प्रशासन की तरफ से दिए गए हैं.मजिस्ट्रियल जांच के आदेश की पुष्टि करते हुए सुल्तानपुर एडीएम प्रशासन गौरव शुक्ला ने बताया कि 5 सितंबर को थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के अंतर्गत अपराधी मंगेश और कुंभे की एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मौत के मामले में उपजिलाधिकारी लंभुआ को मजिस्ट्रियल जांच के लिए नामित किया है. उनको अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर देने के निर्देश दिए गए हैं.