गोरखपुरः कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता की मौत के रहस्‍य की गुत्‍थी को सुलझाने के लिए एसआईटी टीम कुछ दिनों तक गोरखपुर में ही रहेगी. होटल कृष्‍णा पैलेस में टीम ने शनिवार की शाम 4 बजे पहुंचने के बाद रात 10 बजे तक साक्ष्‍यों को जुटाया. टीम ने तीसरे फ्लोर पर स्थित कमरा नंबर 512 से लेकर नीचे ग्राउंड फ्लोर तक कैमिकल डाला. केमिकल डालते ही धो दिए गए खून के धब्‍बे उभर आए. इस बीच मानसी हास्पिटल के संचालक डॉक्टर पंकज कुमार दीक्षित ने बताया कि उन्‍होंने CCTV में देखा कि मनीष बेसुध हाल में थे. आरोपी इंस्‍पेक्‍टर जेएन सिंह ने ड्यूटी पर तैनात चिकित्‍सक और कर्मचारियों से कहा था कि चेकिंग के दौरान गिरने से नाक से खून आ रहा है, ट्रीटमेंट कर दें.


कृष्‍णा पैलेस होटल में एसआईटी की टीम बारीकी से मामले की छानबीन कर रही है. एसआईटी टीम ने बहुत ही बारीकी के साथ साक्ष्‍यों का संकलन करने के बाद उभरे हुए खून के धब्‍बों के ऊपर प्‍लास्टिक लगा दी है. गोरखपुर पहुंची एसआईटी टीम को लीड कर रहे एसीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि टीम अभी कुछ दिनों तक परीक्षण करेगी, जिससे जांच को पूरी तरह से निष्‍पक्ष तरीके से पूरा किया जा सके.


वहीं अस्‍पताल की ओर से सीसीटीवी तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें आरोपी उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा आगे और पीछे वर्दी में आरोपी इंस्‍पेक्‍टर जेएन सिंह दिखाई भी दे रहा है. एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए डॉक्टर पंकज कुमार दीक्षित ने बताया कि वे रात में अस्‍पताल में न‍हीं थे. लेकिन जब वे सुबह अस्‍पताल पहुंचे, तो उन्‍होंने सीसीटीवी फुटेज में देखा कि मनीष गुप्‍ता को उनके अस्‍पताल लाया गया.


डॉक्टर ने बताया कि मनीष का बीपी-पल्‍स मिल नहीं पाने की वजह से उन्‍हें 10 मिनट के अंदर ही बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया. जिस वक्त उन्हें हॉस्पिटल में लाया गया उस समय उनके मुंह पर खून लगा हुआ था. वे उस समय बेसुध हाल में थे. सीसीटीवी के डीवीआर को पुलिस ने कस्‍टडी में ले लिया है.


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