जब मनमोहन सिंह की सरकार के लिए संकटमोचक बने थे मुलायम सिंह यादव, ऐसे बचाई थी PM की कुर्सी
Manmohan Singh Death: साल 2008 में अमेरिका से न्यूक्लीयर डील को लेकर मनमोहन सिंह की सरकार पर खतरा मंडराने लगा था. मुलायम सिंह यादव इस फैसले के विरोध में थे लेकिन, फिर अचानक उन्होंने रुख बदल लिया था.
Manmohan Singh Death: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया. देश के तमाम बड़े नेता इस दुखद घड़ी में उन्हें भावभीनी श्रद्धाजंलि दे रहे हैं. मनमोहन सिंह की नीतियों ने देश को एक नई दिशा दी उनके योगदान को ये देश हमेशा याद रखेगा. लेकिन, एक वक्त ऐसा भी था जब मनमोहन सिंह की सरकार पर खतरा मंडराने लगा था. ऐसे में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव उनके संकटमोचक बनकर आए और उनकी सरकार बचा ली थी.
ये किस्सा साल 2008 जब केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए वन सरकार थी. ये सरकार समाजवादी पार्टी और लेफ्ट पार्टियों के सहयोग से चल रही थी. साल 2008 में अमेरिका से न्यूक्लीयर डील को लेकर मनमोहन सरकार पर खतरा मंडराने लगा था. वामपंथी दल और समाजवादी पार्टी इसका विरोध कर रहे थे. लेकिन, मनमोहन सिंह अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं थे. हालात ऐसे बने कि मनमोहन सरकार पर गिरने का खतरा मंडराने लगा था. वामपंथी दलों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले ले लिया था.
मुलायम सिंह बन गए थे संकट मोचक
ऐसे में सभी की नजरें समाजवादी पार्टी पर टिक गई थी. मुलायम सिंह यादव का रुख भी तब लेफ्ट दलों के साथ था. अगर सपा भी अपना समर्थन वापस ले लेती तो यूपीए सरकार गिर सकती थी. लेकिन, कांग्रेस और सपा के बीच अमर सिंह सुलह की कड़ी बनकर सामने आए. उन दिनों अमर सिंह मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी होते थे. मुलायम उनकी बातों को सुनते और तवज्जो देते थे.
कहा जाता है कि अमर सिंह ने मुलायम सिंह को मनमोहन सरकार का समर्थन करने के लिए बनाया था, सपा उस वक्त संख्या के लिहाज से तीसरी सबसे बड़ी पार्टी थी. अमर सिंह के कहने के बाद मुलायम सिंह ने इस डील को लेकर अपना रुख बदला और यूपीए सरकार का समर्थन किया, जिसके बाद सरकार गिरने बच गई. सपा संस्थापक ने इस फैसले को देश हित में लिया गया फैसला बताया था.
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