e-कॉन्क्लेव: मजबूरी में कराना पड़ा पंचायत चुनाव, हाईकोर्ट ने दिया था आदेश -मनोज सिंह
यूपी के अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज मनोज सिंह और राहत आयुक्त ने भी चर्चा में हिस्सा लिया. मनोज सिंह ने कहा कि जब से चुनाव हुए हैं सभी ग्राम प्रधान निगरानी समितियों के साथ मिलकर कोरोना से निपटने के प्रयासों में लगे हुए हैं.
यूपी के अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज मनोज सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव मजबूरी में कराना पड़ा. हाईकोर्ट ने इसके लिए आदेश दिया था. आज भी कोरोना के मामले गांव से ज्यादा शहरों में हैं. ऐसे में बिना किसी डाटा के ये कहना कि पंचायत चुनाव से कोरोना फैला ये सही नहीं होगा. मनोज सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से निपटने के लिए 60 हजार निगरानी समितियां बनाई गई, वहीं शहरों में 12 हजार से अधिक निगरानी समितियां बनाई गई. जब से चुनाव हुए हैं सभी ग्राम प्रधान निगरानी समितियों के साथ मिलकर कोरोना से निपटने के प्रयासों में लगे हुए हैं.
वहीं, रणवीर प्रसाद, राहत आयुक्त ने बताया कि कोरोना महामारी के काऱण बीते वर्ष लोगों का पलायन देखा गया था. हमने इसके लिए पहले से तैयार कर ली थी. प्रदेश में बड़ी संख्या में क्वारंटीन सेंटर बनाए गए. हम लोगों ने कम्युनिटी 450 किचन बनाए. इसके माध्यम से जरूरतमंदों को भोजन दिया जा रहा है.
अभी तक 9 लाख पैकेट वितरित कर चुके हैं. हमारी कोशिश है कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान जरूरतमंदो को भोजन की समस्या ना हो. इसके अलावा दिहाड़ी मजदूरों को उनके लिए भरण पोषण व्यवस्था की गई है. उसके लिए शहरों और गांवों में सर्वे का काम किया जा रहा है. सर्वे के बाद उन्हें 1,000 रुपये की राशि प्रति महीना दी जाएगी. इस बार कोरोना कर्फ्यू के दौरान सवा तीन लाख लोग प्रवासी मजदूर आए हैं. पहले के मुकाबले स्थिति सुधरी है.
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