हरिद्वार. उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में अगले महीने महाकुंभ का आयोजन होना है. कुंभ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आएंगे. सब श्रद्धालु होटल, धर्मशाला और आश्रमों में ही रुकेंगे. कुंभ के आयोजन से पहले जिले में लापरवाही भी देखने को मिल रही है. दरअसल, होटल, धर्मशाला,आश्रम और अस्पतालों तक में फायर की एनओसी नहीं है. मात्र 19 अस्पतालों के पास फायर एनओसी है, जिसमें एक सरकारी अस्पताल है.


दमकल विभाग की लापरवाही
फायर सेफ्टी के नियमों का पालन न करने से देश में कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन हरिद्वार में उनका भी सबक नही लिया गया. इसकी पीछे दमकल विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, मकर संक्रांति के बाद से हरिद्वार में हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, लेकिन फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट की लापरवाही देखिए कि जहां श्रद्धालु ठहरते हैं उन होटलों, धर्मशाला और आश्रमों के पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है, हरिद्वार के तमाम-गली मोहल्लों में होटल, धर्मशालाएं और आश्रम हैं जहां फायर ब्रिगेड की बड़ी गाड़ियां पहुंच नहीं सकती.


यह आलम सिर्फ होटल, आश्रम और धर्मशाला का नहीं है. बल्कि हरिद्वार कुंभ क्षेत्र के कई सरकारी और निजी अस्पतालों के पास भी फायर की एनओसी नहीं है. इन अस्पतालों में फायर सेफ्टी नियमों के तहत जो चीजें होनी चाहिए वह मौजूद ही नहीं है. लगभग सभी अस्पताल भगवान भरोसे चल रहे हैं.


कुंभ मेला अधिकारी स्वास्थ्य अर्जुन सिंह सेंगर ने कहा, "पर्यटन विभाग के अनुसार हरिद्वार में तकरीबन साढ़े पांच सौ से ज्यादा धर्मशाला हैं. यहां सभी आश्रम रजिस्टर्ड हैं. हालांकि इनकी संख्या इससे कई गुना अधिक है, लेकिन पर्यटन विभाग में यही आंकड़े उपलब्ध है. वहीं रजिस्टर्ड होटलों की संख्या 450 है.


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