फिरोजाबाद. लोग कहते है कि वक्त बदलता है, लेकिन अब वक्त ने यह साबित कर दिया कि लोग कितने बदल गये हैं. कोरोना काल में अपने ही अपनों को भूल गये. फिरोजाबाद के अलग-अलग श्मशान घाटों में रखी कई लोगों की अस्थियां इस बात की गवाह है. जिले के घाटों में हजारों लोगों की अस्थियां रखी हुई हैं. अस्थियों के विसर्जन के लिए परिजन उनकी सुध भी नहीं ले रहे हैं. फिरोजाबाद के बड़े श्मशान घाट स्थल स्वर्ग आश्रम में भी लगभग 250 लोगों की अस्थियां मोक्ष पाने के इंतजार में हैं.


अंतिम संस्कार के बाद यहां लोग अपने काम-काज में व्यस्त होकर यह भी भूल गए कि इनके अपनों की अस्थियों का विसर्जन भी होना है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, किसी मृतक की अस्थियों का विसर्जन हिन्दू रीति-रिवाज के हिसाब से त्रियोदशी संस्कार से पहले ही किया जाना चाहिए, लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते लोग अपनों की अस्थियों को विसर्जन के लिए गंगा नहीं ले जा सके. जो लोग इन अस्थियों को ले जाना और उनका विसर्जन करना भूल गए हैं उनको स्वर्गाश्रम के संचालकों ने अस्थियां ले जाकर विसर्जन करने की अपील की है. अगर फिर भी लोग अस्थियां लेने नहीं आते तो स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट खुद इन 250 अस्थियों के कलश को गंगा जी में विसर्जित कर देगा.


स्वर्ग आश्रम जीर्णोद्धार समिति के प्रबंधक अलिंद अग्रवाल ने बताया कि यहां करीब 250 लोगों की अस्थियां रखी हुई हैं. उनके परिवार अपने लोगों का अंतिम संस्कार कर अस्थियों को यहीं भूल चुके हैं. अगर वे लोग नहीं आये तो स्वर्ग आश्रम ट्रस्ट खुद इन अस्थियों का विसर्जन करेगा.


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