उत्तराखंड में नेता बनाम नौकरशाह की लड़ाई का असर, मझधार में अटकी कई योजनाएं
उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य और आईएएस वी षणमुगम के बीच विवाद के कारण महिला बाल विकास की तमाम योजनाएं मझधार में अटकी हैं.
देहरादून. उत्तराखंड में लंबे समय से चल रहा नेता बनाम नौकरशाह के बीच विवाद किसी से छिपा नहीं है. राज्यमंत्री रेखा आर्य और तमाम नौकरशाहों के बीच चल रहा विवाद इसका ताजा उदाहरण है. रेखा आर्य और आईएएस वी षणमुगम के बीच विवाद के कारण महिला बाल विकास की तमाम योजनाएं मझधार में अटकी हैं. इस रिपोर्ट में हम आपको ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में बताएंगे जो नेता बनाम नौकरशाही की जंग के चलते प्रभावित हुए हैं.
सैकड़ों लोगों को नहीं मिला रोजगार महिला बाल विकास विभाग में टेंडर प्रक्रिया ना होने के कारण करीब 380 लोग ऐसे हैं जिनको अभी तक रोजगार नहीं मिल सका है. राज्यमंत्री रेखा आर्य और आईएएस वी षणमुगम की आपसी खींचतान में वह सिर्फ इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि आखिरकार विभाग को नया निदेशक कब मिलेगा.
मानदेय के इंतजार में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इसके अलावा पिछले कुछ महीनों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय नहीं मिला है. आंगनबाड़ी केंद्रों पर जो पौष्टिक आहार बच्चों को दिया जाता था, वह भी नहीं दिया जा रहा है क्योंकि महिला बाल विकास विभाग में कोई निदेशक नहीं है.
राज्यमंत्री रेखा आर्य षणमुगम को अपने साथ नहीं रखना चाहती हैं और आईएएस वी षणमुगम रेखा आर्य के साथ में काम नहीं करना चाहते हैं. करीब चार महीने से महिला बाल विकास विभाग की तमाम योजनाएं अधर में लटकी हैं, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है. इस विवाद पर रेखा आर्य का मानना है की षणमुगम का मामला मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में है, वो ही फैसला लेंगे.
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