पूरा देश इस समय कोयले की कमी के कारण बिजली संकट से जूझ रही है. केंद्र सरकार बिजली संकट से छुटकारा पाने के लिए कोयले के उत्पादन को बढ़ाने का निर्देश दिया है. केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वह अपने हिस्से का कोयल उठा लें. केंद्र सरकार ने यह दावा किया है कि बहुत जल्द यह संकट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. केंद्र सरकार ने कोयला संकट पर पहले ही यह साफ कर दिया है कि देश में कोयले के पर्याप्त भंडार मौजूद हैं.
कोल इंडिया का करीब 20 हजार करोड़ रुपया बकाया
केंद्र सरकार ने बताया है कि राज्यों के पास कोल इंडिया का करीब 20 हजार करोड़ रुपये बकाया है. कोयला मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान को पत्र लिखकर कोल इंडिया की बकाय राशि देने को कहा है.
कोयले की कमी के कारण पूरे देश में बिजली संकट आने के ऊपर कोयला मंत्रालय ने कहा कि वह राज्यों को पत्र लिखकर जनवरी से कोयले का स्टॉक लेने के लिए कह रहे हैं, लेकिन राज्य हमारे खत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं. कोल इंडिया बकाए के बाद भई लगातार कोयले की आपूर्ति कर रहा है. कोयला मंत्रालय ने यह भी बताया कि झारखंड, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में कोयले की खदानें हैं पर इन राज्यों में खनन बहुत कम या नहीं के बराबार किया गया है.
किस राज्य के पास कितना बकाया
कोल इंडिया से कोयला न लेने और राज्यों द्वारा कम खनन के कारण आज पूरे देश में बिजली संकट गहराया हुआ है. वहीं कोल इंडिया के बकाया राशि पर बात करें तो महाराष्ट्र के पास सबसे अधिक 3176.6 हजार करोड़ रुपये बकाया है.
उत्तर प्रदेश- 2743.1 हजार करोड़,
पश्चिम बंगाल के पास 1958.6 हजार करोड़ रुपये,
तमिलनाड़ु के पास 1281.7 हजार करोड़ रुपये का बकाया है.
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