मेरठ: असम में शहीद हुये लेफ्टिनेंट के परिजन धरने पर बैठे, सरकार से की नौकरी की मांग
असम के कोकराझार में ट्रेनिंग के दौरान शहीद हुये लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी के माता-पिता और बहन मेरठ में कलेक्ट्रेट दफ्तर पर धरने पर बैठ गये. उन्होंने सरकार व प्रशासन की बेरुखी पर नाराजगी जतायी.
मेरठ. असम में पेट्रोलिंग के दौरान पहाड़ पर पैर फिसलने से शहीद हुए लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी का परिवार शुक्रवार को कलक्ट्रेट में धरने पर बैठ गया. इस दौरान शहीद आकाश के परिजनों ने सरकार और प्रशासन से उसकी एक प्रतिमा, सरकारी नौकरी और शहीद के नाम पर सड़क बनवाने की मांग की.
कलक्ट्रेट में धरने पर बैठे शहीद आकाश चौधरी के परिजनों के हाथ में मांग लिखे पोस्टर और आकाश का एक फोटो थी. जैसे ही 10 बजे कलक्ट्रेट का गेट खुला, शहीद के परिजन भीतर पहुंच गए और कलक्ट्रेट परिसर में धरना देकर बैठ गए.
ट्रेनिंग के दौरान शहीद हुये
आपको बता दें कि मेरठ के रहने वाले लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी असम के कोकराझाड़ में ऑपरेशन की ट्रेनिंग के दौरान 16 जुलाई 2020 की रात पहाड़ी से गिरकर शहीद हुए थे. आकाश के परिजन मेरठ में कंकरखेड़ा के सिल्वर सिटी में रहते हैं. शहीद के पिता केपी सिंह ने बताया कि बेटे की शहादत के बाद से कोई भी उनका और उनके परिजनों का हालचाल पूछने नहीं आया है.
अब धरने पर बैठे पिता केपी सिंह, माता कमलेश और बहन प्रियंका ने कहा कि उस दिन के बाद से आज तक किसी ने कोई सुध नहीं ली है. केपी सिंह ने कहा कि हमारा जवान बेटा देश के लिए शहीद हुआ है. सरकार को और प्रशासन को हमारा ध्यान रखना चाहिए.
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