Kargil Vijay Diwas: करगिल विजय दिवस के मौके पर आज पूरा देश शहीद जांबाजों को याद कर रहा है. करगिल पर फतह पाने के लिए कई वीरों ने अपनी शहादत दी. इन्हीं में से एक थे कैप्टन मनोज कुमार पांडेय. मनोज पांडेय को मरणोपरांत सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया. दुश्मनों की गोलियों से बुरी तरह जख्मी होने के बावजूद उन्होंने पाकिस्तानी घुसपैठियों को बड़ा नुकसान पहुंचाया था.
अपने बेटे की बहादुरी को याद करते हुए गोपीचंद पांडेय का सीना आज भी गर्व से चौड़ा हो जाता है. करगिल विजय दिवस पर शहीद मनोज पांडे के पिता गोपीचंद पांडे ने इस युद्ध में अपने बेटे की बहादुरी को याद किया. वो कहते हैं. "मनोज ने पूरे देश को गौरवान्वित किया है. वह एक सेना के जवान के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते थे. यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यूपी में सैनिक स्कूल का नाम उनके नाम पर रखा गया है."
यूपी के सीतापुर के रुधा गांव में पैदा हुए मनोज पांडेय को 11 गोरखा रायलफल्स रेजिमेंट कड़ी ट्रेनिंग के बाद पहली तैनाती मिली थी. मनोज कुमार पांडेय के पिता के मुताबिक, उनके सेना में जाने का सिर्फ एक ही लक्ष्य था परमवीर चक्र को हासिल करना.
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