अयोध्या. बीजापुर नक्सली हमले में शहीद हुए अयोध्या के लाल राजकुमार यादव को नम आंखों से विदाई दी गई. मंगलवार को सरयू तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. अयोध्या के लाल को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. राजकुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही सीआरपीएफ के कई बड़े अफसर भी मौजूद रहे. पार्थिव शव को फूलों से सजे ट्रक में सीआरपीएफ के जवान श्मशान घाट तक लेकर गए. इस दौरान रास्ते में हर कोई हाथ जोड़कर नम आंखों से अयोध्या के लाल को अंतिम प्रणाम कर रहा था.


कोबरा यूनिट में थे राजकुमार
रानोपाली गांव के रहने वाले राजकुमार यादव 1995 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. वो कोबरा यूनिट में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे. परिवार में तीन भाइयों और दो बहनों में सबसे बड़े राजकुमार यादव 10 जनवरी को ही अपनी छुट्टी समाप्त कर ड्यूटी पर गए थे. उनकी मां कैंसर से पीड़ित हैं. बीती रात जब राजकुमार का शव घर पहुंचा तब उन्हें जाकर पता लगा कि उनका लाल अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन बीमारी के चलते वह कुछ समझ नहीं पा रही हैं कि आखिर हुआ क्या है. वो बस एक टक अपने बेटे को बस निहारे जा रही थी, जबकि उनके आगे बैठी उनकी पत्नी रो रही थी.


नक्सलियों पर कार्रवाई की मांग
शहीद राजकुमार के बेटे और भाइयों ने नक्सलियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है. राजकुमार के दो बेटों में 15 साल का सबसे बड़ा बेटा शिवम कहता है. "मोदी जी आप अपने ही देश में लड़ रहे हैं तो दूसरे देश में क्या लड़ेंगे. आपको बड़ा कदम उठाना चाहिए." वहीं राजकुमार का छोटा भाई कहता है जिस प्रकार से मेरे भाई कुर्बान हुए. हम चाहते हैं नक्सलियों का नामोनिशान मिटा दिया जाए, चाहे उसके लिए मिसाइल का प्रयोग हो या रॉकेट लांचर का.


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