कारगिल विजय दिवस: शहीद के परिवार की क्या हैं सरकार से उम्मीदें?
कारगिल युद्ध में शहीद हुए फिरोजाबाद के सतीश चंद्र बघेल के परिजनों की सरकार से काफी उम्मीदें हैं। उनके गांव में आज भी कई काम अधूरे पड़े हैं।
फिरोजाबाद, एबीपी गंगा। यूपी के फिरोजाबाद की धरती से भी कई शूरवीरों ने जन्म लिया है। इन्हीं शूरवीरों में से एक थे सतीश चंद्र बघेल। मरसल गंज के रहने वाले सतीश चंद्र बघेल कारगिल की लड़ाई में शहीद हो गए थे। सतीश के परिवारवालों को उस समय सरकार ने काफी सुविधाएं तो दी, लेकिन उनके सतीश के परिजनों की आज भी कुछ शिकायतें हैं। शहीद जवान सतीश चंद्र बघेल के पिता भोजराज सिंह गांव में अकेले ही रहते हैं। जबकि सतीश की पत्नी मीना और बेटी पूजा आगरा में रह रही है।
भोजराज बताते हैं कि सरकार की तरफ से उन्हें उन्नाव में गैस एजेंसी, रुपये जैसी सुविधाएं तो दी गई, लेकिन अभी भी गांव में विकास के काम अधूरे हैं। भोजराज ने बताया, 'गांव के बाहर सड़क शिलान्यास में पट्टिका उनके बेटे के नाम से लगी थी। पट्टिका काफी समय से टूटी हुई पड़ी है। उसे आज करीब पांच साल हो गए है, लेकिन अभी तक उसे ठीक नहीं किया गया।'
यहीं नहीं, गांव मरसल गंज में प्राथमिक विद्यालय को भी शहीद सतीश चंद्र बघेल के नाम से कर दिया गया। हालांकि स्कूल की हालत आज दयनीय है। विद्यालय के बाहर काफी पानी भरा हुआ रहता था जिसे गांव के प्रधान ने ठीक करवाया। भोजरात ने यह भी बताया कि गांव में बिजली के तार काफी समय से टूटे पड़े हैं। इसीलिए बिजली की भी यहां काफी समस्या है।
गांव के एक अन्य शख्स भी स्कूल की खराब हालत की शिकायत करते हैं। वो कहते हैं कि स्कूल की हालत काफी खराब है। स्कूल प्रिंसिपल भी इस पर कोई ध्यान नहीं देते हैं। स्कूल का कोई टाइम टेबल नहीं है। यहां शिक्षक अपनी मर्जी से आते हैं अपनी मर्जी से जाते हैं।