नोएडा: देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में अब एक न्यू नोएडा बसाने की तैयारी प्रधिकरण ने शुरू कर दी है. नए नोएडा को विकसित करने और फाइनल डीपीआर को तैयार करने के लिए एक एजेंसी का चुनाव कर लिया गया है जो करीब 4 महीनों में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप देगी. 


चार महीने में तैयार होगी मास्टर प्लान की रिपोर्ट


आपको बता दें ये एजेंसी अगले 4 महीने में न्यू नोएडा के मास्टर प्लान को लेकर अपनी प्रथम रिपोर्ट अथॉरिटी को सौंप देगी. अथॉरिटी ने मास्टर प्लान बनाने के लिए चयनित एजेंसी स्कूल आफ प्लॉनिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) को न्यू नोएडा का ड्राफ्ट और थीम सौंपेगी. 


नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी ने बताया कि न्यू नोएडा को तैयार करने के लिए वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए देश-विदेश के कई मॉडलों का अध्ययन किया जा रहा है जिसमे गुजरात का धोरेला मॉडल भी शामिल है.


सीईओ ने दी जानकारी


साथ ही नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु महेश्वरी ने बताया कि, इस न्यू नोएडा को प्रदेश में निवेशकों की पहली पसंद बनाये जाने के लिए औद्योगिक क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जायेंगे ताकि उद्यमी अपने कारोबार को शुरू करने के लिए न्यू नोएडा को सबसे ज्यादा पसंद करें.


नोएडा प्राधिकरण ने न्यू नोएडा बसाने का खाका तैयार कर लिया है और इसी के मुताबिक कुछ गांवों का रकबा भी चिन्हित किया गया है जिसमे कोट, नयाबासरी, फूलपुर, खंडारा, गिरिराजपुर, आनंदपुर के अलावा कुछ अन्य गांव भी शामिल हैं. आपको बता दें ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ न्यू नोएडा बसाया जाएगा.


सरकार की महत्वाकांक्षी योजना


उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में न्यू नोएडा बसाने की परियोजना भी शामिल है. यही वजह है कि, बुलंदशहर के 60 गांव और नोएडा के 20 गांवों को मिलाकर न्यू नोएडा बसाया जाएगा, और इस न्यू नोएडा को बसाने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने नोएडा प्राधिकरण को दी है. यही वजह है कि नोएडा प्राधिकरण ने मास्टर प्लान तैयार करने से पहले क्षेत्र में मौजूद 80 गांव की वर्तमान आबादी का भी हिसाब लगायेगी ताकि मौजूदा जमीन के हिसाब से ही खाका तैयार किया जा सके.


आपको बता दें, इसी वर्ष जनवरी 2021 में प्रदेश सरकार ने गजट जारी कर इसको दादरी नोएडा गाजियाबाद निवेश क्षेत्र का नाम दिया है, और यह शहर करीब 20,000 हेक्टेयर जमीन पर इंटीग्रेटेड सिटी के रूप में बसाया जाएगा.


कनेक्टिविटी का विशेष ध्यान


न्यू नोएडा को बसाने से पहले उसकी कनेक्टिविटी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है, इसीलिए इस न्यू सिटी को रेलवे लाइन, मेट्रो लाइन के साथ साथ जेवर एयरपोर्ट से भी कनेक्ट करने की तैयारी की जार रही है, ताकि उद्योगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके. न्यू नोएडा को वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, सस्टेनेबिलिटी, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और एफिशिएंट गवर्नेंस के आधार पर तैयार किया जायेगा.


न्यू नोएडा के हर सेक्टर के लिए अलग जोन बनाया जाएगा. न्यू नोएडा में आवासीय, इंडस्ट्री, फ़ूड प्रोसेसिंग इकाई, आद्योगिक इकाई के अलावा इंस्टीट्यूट को स्थापित करने की योजना है. इसके अलावा SEZ इंडस्ट्रियल स्टेट, एग्रो, आई टी, आई टी एस, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, नॉलेज पार्क, इंटीग्रेटेड टाउनशिप होंगे.  


नोएडा पहले से ही उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में जाना जाता है, ऐसे में न्यू नोएडा के निर्माण से ना सिर्फ नए उद्योग व नए सेक्टर ही नहीं बसाए जाएंगे बल्कि प्रदेश सरकार को नोएडा और न्यू नोएडा से बड़े पैमाने पर रेवेन्यू का भी प्राप्त होगा. 


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