(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BJP के पूर्व विधायक से मिलने पहुंचे सपा नेता माता प्रसाद पांडेय, यूपी की सियासी हलचल तेज
Varanasi News: पूर्व विधायक श्यामदेव राय चौधरी को वाराणसी में लोग दादा के नाम से जानते हैं जिन्होंने वाराणसी की सबसे महत्वपूर्ण दक्षिणी विधानसभा से सात बार विधायक रहकर अपना दबदबा कायम रखा.
UP News: उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेयय आज वाराणसी दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार की बुलडोजर कार्यवाई व IIT-BHU छात्रा से गैंग रेप मामले में आरोपियों को मिली रिहाई पर जमकर जुबानी हमला बोला. हालांकि इन सबके बीच नेता प्रतिपक्ष की भाजपा के पूर्व विधायक व दिग्गज नेता श्याम देव राय चौधरी से मुलाकात ने सभी को हैरान कर दिया. इसको लेकर जनपद से लेकर लखनऊ तक सियासी अटकलें तेज हो गई. वैसे इस मुलाकात को लेकर सपा नेताओं का कहना है कि यह केवल व्यावहारिक मुलाकात रही.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय वाराणसी दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने अलग-अलग जगह पर सपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात के साथ-साथ भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक श्यामदेव राय चौधरी से भी मुलाकात की. अचानक माता प्रसाद पांडेय अपने काफिले के साथ भाजपा नेता के आवास पहुंचे जहां उन्होंने भाजपा नेता के स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना. हालांकि इस मुलाकात को लेकर किसी को भी भनक नहीं थी. वैसे इस मुलाकात को लेकर सियासी अटकलें भी तेज हो चुकी हैं.
वहीं समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता का इस तरह भाजपा के वरिष्ठ नेता के घर पहुंचना, भाजपा खेमे में भी खलबली मचाने वाला बताया जा रहा है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि दक्षिणी विधानसभा वाराणसी की सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. साल 2017 यूपी विधानसभा में दक्षिणी से दादा का टिकट कटने के बाद उनके नाराजगी की खबरों ने दिल्ली तक संदेश पहुंचा दिया था. इस बात की चर्चा आज भी सियासी गलियारों में रहती है कि पार्टी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले बड़े कद के नेता को पार्टी ने नजर अंदाज कर दिया.
जमीनी नेता माने जाते हैं दादा
श्यामदेव राय चौधरी को वाराणसी में लोग दादा के नाम से जानते हैं जिन्होंने वाराणसी की सबसे महत्वपूर्ण दक्षिणी विधानसभा से सात बार विधायक रहकर अपना दबदबा कायम रखा. सपा बसपा शासन के दौर में भी इन्होंने बीजेपी का झंडा बुलंद किया था. इनकी पहचान जमीनी और जनता से जुड़े रहने वाले राजनेता की रही. हालांकि 2017 विधानसभा में टिकट कटने के बाद पार्टी से उनकी नाराजगी की भी खबरें सामने आई. वैसे अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस सियासी मुलाकात के असल नतीजा क्या होते हैं.
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