Mata Prasad Pandey News: यूपी विधानसभा में सपा के वरिष्ठ नेता और ब्राह्मण चेहरे माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. जिस पर केशव प्रसाद मौर्य ने हमला करते हुए अखिलेश यादव पर पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के साथ धोखा देने का आरोप लगाया, जिस पर अब माता प्रसाद पांडे की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने डिप्टी सीएम तंज कसते हुए कहा कि इन दिनों बीज्पी में आग लगी हुई है. 


डिप्टी सीएम को जवाब देते हुए माता प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर मानसून और विंटर ऑफर का जिक्र किया और कहा कि 'केशव प्रसाद मौर्य पिछड़ी जाति में जन्मे इसलिए नेता, मैं संघर्षों से बना नेता.'मानसून ऑफर और विंटर ऑफर राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करेंगे. बीजेपी के भीतर आग लगी हुई है इस समय.'


केशव मौर्य ने लगाया PDA को धोखा देने का आरोप
इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आड़े हाथों लिया और सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर तीखा हमला किया, उन्होंने कहा कि 'यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने पर श्री माता प्रसाद पांडेय जी को बधाई है. उम्मीद है रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभायेंगे. परंतु सपा मुखिया श्री अखिलेश यादव जी ने पिछड़ों दलितों को धोखा दिया है.सपा के PDA का मतलब बहुत बड़ा धोखा है. भाजपा 2027 में 2017 की विजय दोहरायेगी.'



केशव मौर्य ने एक और पोस्ट की और कहा, 'कांग्रेस के मोहरा सपा बहादुर श्री अखिलेश यादव जी की नेता प्रतिपक्ष चुनते ही असलियत सामने आने से सपा में PDA चालीसा पढ़ने वाले पिछड़ों दलितों के समर्थन से चुनकर आए नेताओं में मायूसी है. भाजपा में सबका साथ विकास और सम्मान है. 2027 में 2017 दोहराना है. कमल खिला है फिर खिलाना है.'


मायावती ने भी साधा निशाना
वहीं दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अखिेलेश के फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा- 'सपा मुखिया ने लोकसभा आमचुनाव में खासकर संविधान बचाने की आड़ में यहाँ PDA को गुमराह करके उनका वोट तो जरूर ले लिया, लेकिन यूपी विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाने में जो इनकी उपेक्षा की गई, यह भी सोचने की बात जबकि सपा में एक जाति विशेष को छोड़कर बाकी PDA के लिए कोई जगह नहीं। ब्राह्मण समाज की तो कतई नहीं क्योंकि सपा व भाजपा सरकार में जो इनका उत्पीड़न व उपेक्षा हुई है वह किसी से छिपा नहीं.'



यूपी विधानसभा के मानसून सत्र की आज 29 जुलाई से हो रही है. इससे ठीक पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष बनाया है. जिसके बाद बीजेपी समेत कई दलों के नेताओं ने उनके इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने इसे पीडीए के साथ धोखा बताया है. जिस पीडीए का दावा करके अखिलेश यादव ने 2024 का चुनाव लड़ा था. 


इससे पहले ये पद अखिलेश यादव के पास था. लेकिन, सांसद बनने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि अखिलेश यादव इस पद पर पीडीए के किसी सदस्य को मौक़ा दे सकते हैं. इस रेस में सबसे आगे दलित चेहरे इंद्रजीत सरोज का नाम चल रहा था, जबकि शिवपाल यादव भी इस रेस में थे.


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