Mata Prasad Pandey News: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा में वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है. जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी से लेकर तमाम विरोधी दल सपा पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने सपा अध्यक्ष के फैसले को पीडीए के साथ धोखा बताया है जिस पर अब माता प्रसाद पांडेय की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने बताया कि अखिलेश यादव ने ये फैसला क्यों किया और इससे क्या संदेश जाएगा. 


माता प्रसाद पांडेय ने सपा अध्यक्ष पर लग रहे आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि 'इसका संदेश ये जाएगा कि PDA में गरीब ब्राह्मण भी आते हैं, हम समाजवादी लोग सबको साथ लेकर चलते हैं. मुझे नहीं पता था अखिलेश यादव मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाने वाले हैं. उन्होंने बुलाया, मुझे साथ बिठाया और मुझसे पूछा. मैंने कहा जैसा आप चाहे. फिर जैसे मैं गया मेरे पास फोन आया और दोबारा फिर बुलाया गया इसके बाद ये एलान कर दिया गया है. 


पीडीए को धोखा देने का आरोप
बीजेपी समेत कई दल अखिलेश यादव के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं. उनका आरोप हैं सपा अध्यक्ष बात तो पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की करते हैं लेकिन जब किसी को आगे बढ़ाने का मौका आता है तो फिर उन्हें धोखा दे देते हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तो आरोप लगाया है कि सपा का पीडीए बहुत बड़ा धोखा है. 


राजनीतिक जानकारों की माने तो अखिलेश यादव ने माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाकर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. इसे अगली जातियों को सपा के साथ जोड़ने की क़वायद के तौर पर देखा जा रहा है. पूर्वांचल की राजनीति को इसके जरिए साधने की कोशिश की गई है. माना जा रहा है कि पीडीए की सफलता के बाद अब अखिलेश यादव की नजर सवर्ण वोटरों पर हैं, यही नहीं इस फ़ैसले से पार्टी को भी संतुलित रखने में आसानी होगी नहीं तो पार्टी के सवर्ण नेताओं में असंतोष हो सकता है. 


वहीं दूसरी तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले भी कहा था कि उनके पीडीए में 'ए' का मतलब, अल्पसंख्यकों के साथ अगड़े और आधी आबादी भी आती है. 


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