मथुराः 7 महीने बाद रविवार को खुले थे बांके बिहारी मंदिर के कपाट, इस वजह से फिर हुए बंद
मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के कपाट 7 महीने बाद रविवार को खोले गए थे. हालांकि, एक दिन बाद ही इन्हें फिर से अगले आदेशों तक बंद कर दिया गया.
मथुरा। वृन्दावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के कपाट रविवार को लगभग 7 महीने बाद श्रद्धालुओं के लिए खोले गए. हालांकि, मंदिर के बाहर कोविड-19 के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ी. जिसके चलते अब गृह मंत्रालय के निर्देशों का पालन होने पर अगले आदेशों तक मंदिर को बंद रखने का फैसला लिया गया है.
बता दें कि मंदिर के कपाट खुलते ही गलियों में भारी भीड़ देखने को मिल रही थी. मंदिर प्रशासन ने मंदिर के अंदर तो समुचित व्यवस्था की थी लेकिन प्रशासन द्वारा मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं थी.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुई फेल गौरतलब है कि भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने ऑनलाइन पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन की प्रक्रिया शुरू की है. हालांकि, पोर्टल पर अत्यधिक लोड होने के चलते तकनीकी खराबी आ गई. जिसके चलते यह योजना भी मंदिर प्रशासन की नहीं चल पाई.
1 घंटा लेट खुले कपाट इतना ही नहीं कल मंदिर के राजभोग सेवायत द्वारा मनमानी करते हुए 1 घंटे लेट मंदिर के कपाट खोले गए. साथ ही मंदिर की परंपरा को तोड़ते हुए विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के गर्भगृह से सटे जगमोहन भवन में बैठाकर यजमानों की पूजा पाठ करवाई गई. जिसके लिए मंदिर प्रशासन ने संज्ञान में लेते हुए कोर्ट से शिकायत करने की बात कही थी. ऐसे में अब फैसला लिया गया है कि जब तक सब व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो जाती तो अग्रिम आदेश तक मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे.
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