इलाहाबाद हाईकोर्ट में फिर अटका बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामला, अब कोर्ट ने दी नई तारीख
Allahabad High Court: मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर मामले की सुनवाई एक बार फिर से कोर्ट में टल गई है. इस मामले की सुनवाई को लेकर कोर्ट ने एक नई तारीख दी है.
Banke Bihari Temple Corridor News: मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर की सुनवाई आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई. अब इस मामले की सुनवाई चार सितंबर को दोपहर दो बजे होगी. हाईकोर्ट को प्रस्तावित कॉरिडोर के स्वरूप और कार्य शुरू किए जाने पर फैसला करना है. हाईकोर्ट ने पहले ही कॉरिडोर निर्माण को मंजूरी दे दी है. चीफ जस्टिस अरुण भंसाली की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच मामले की सुनवाई कर रही है.
बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर की सुनवाई एक बार फिर से कोर्ट में सुनवाई टल गई है. इससे पहले भी सुनवाई टल चुकी है. हाल ही में इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन 15 अगस्त को भी इस मामले में सुनवाई टल गई. अब एक बार फिर से इस मामले की सुनवाई को आगे बढ़ा दी गई है.
हाईकोर्ट ने पहले ही दे दी है ये अनुमति
हाल ही में राज्य सरकार ने बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर के लिए 150 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है. इसके बाद सरकार ने रिव्यू पिटीशन दाखिल कर हाईकोर्ट से कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण करने और मंदिर कोष में जमा राशि का उपयोग करने की अनुमति मांगी थी. हाईकोर्ट ने मंदिर के बैंक खाते में जमा धन का कॉरिडोर बनाने में उपयोग की अनुमति नहीं दी है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार अपनी प्रस्तावित योजना के साथ आगे बढ़े, लेकिन यह भी सुनिश्चित करे कि दर्शनार्थियों को दर्शन में बाधा न आए. कोर्ट ने सरकार को कॉरिडोर बनाने में बाधा बने अतिक्रमण को हटाने की अनुमति दे दी है.
मंदिर के पुजारियों ने कॉरिडोर निर्माण को बताया था गैर जरूरी
बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर मामले में याची अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और अन्य की ओर से दाखिल की गई है. हाल ही में मंदिर के पुजारियों ने कॉरिडोर निर्माण को गैर जरूरी बताया था और चढ़ावे और चंदे की रकम देने से साफ इनकार किया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सरकार की कॉरिडोर बनाए जाने की योजना को मंजूरी दे दी है, लेकिन मंदिर से जुड़े हुए लोगों की मांग को मानते हुए चढ़ावे व चंदे की रकम का इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगा दी थी.
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