Banke Bihari Temple Land Case: बांके बिहारी मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के नाम दर्ज होने के मामले में हुई सुनवाई, जानें- HC ने क्या कहा?
Banke Bihari Temple Land News: श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की ओर से दाखिल याचिका में आरोप लगाया गया है कि बांके बिहारी मंदिर की जमीन को सियासी दबाव में कब्रिस्तान के तौर पर दर्ज कर दिया गया था.
UP News: उत्तर प्रदेश के मथुरा (Mathura) में बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) की जमीन को राजस्व अभिलेखों में कब्रिस्तान दर्ज किए जाने का मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट में छाता तहसील की एसडीएम, तहसीलदार और लेखपाल पेश हुए. कोर्ट ने मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के नाम दर्ज किए जाने पर नाराजगी जताई. साथ ही जमीन विवाद से संबंधित सभी रिकॉर्ड तलब किए.
हाईकोर्ट ने खतौनी और इंद्राज से संबंधित सभी रेवेन्यू रिकॉर्ड तलब किए. जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई. अब इस मामले में 5 सितंबर को फिर से सुनवाई होगी. 5 सितंबर को होने वाली सुनवाई में रेवेन्यू अफसरों को भी कोर्ट में मौजूद रहना होगा. कोर्ट ने अगली सुनवाई में एसडीएम को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है. हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि एसडीएम अगर रिवेन्यू अफसर के साथ खुद भी मौजूद रहेगी तो ठीक रहेगा.
श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की ओर दाखिल की गई है याचिका
गौरतलब है कि श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट की ओर से याचिका दाखिल की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया था कि बांके बिहारी मंदिर की जमीन को सियासी दबाव में कब्रिस्तान के तौर पर दर्ज कर दिया गया था. साल 2004 में जब यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी तो उनकी पार्टी के यूथ ब्रिगेड के नेता भोला खान पठान ने सीएम को संबोधित एक अर्जी दी थी. इस पर तत्कालीन मुख्य सचिव ने आदेश दिया था. सरकार के आदेश के बाद ही मंदिर की जमीन कब्रिस्तान के नाम दर्ज हो गई थी. मंदिर ट्रस्ट ने इसके खिलाफ कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में यह जमीन पुरानी आबादी बता दी गई.
शाहपुर गांव के प्लॉट नंबर 1081 से जुड़ा हुआ है मामला
यह मामला वक्फ बोर्ड और दूसरे विभागों तक भी गया. 8 सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट में भी यह साफ हो गया कि जमीन मनमाने तरीके से कब्रिस्तान के नाम दर्ज की गई. इसके बावजूद जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम वापस नहीं दर्ज की गई. ट्रस्ट ने इस पर पिछले साल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. मथुरा की छाता तहसील के शाहपुर गांव के प्लॉट नंबर 1081 से मामला जुड़ा हुआ है. प्राचीन काल से ही गाटा संख्या 1081 बांके बिहारी महाराज के नाम से दर्ज था.
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