UP News: उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमी और शाही ईदगाह विवाद मामले में अदालत आज कोई बड़ा आदेश सुना सकता है. शुक्रवार को मथुरा की तीन अदालतों से आदेश आ सकता है. मथुरा की अदालतों में श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में 11 याचिकाएं लंबित हैं.


मथुरा के एडीजे सिक्स कोर्ट में एडवोकेट महेंद्र प्रताप और सिविल जज सीनियर डिविजन कोर्ट में वादी आशुतोष पांडे की अपील पर अदालत श्री कृष्ण जन्म स्थान और शाही ईदगाह विवाद मामले को लेकर कोई बड़ा आदेश  सुना सकता है. अदालत ने आज ही हिंदू सभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा की मीना मस्जिद वाली याचिका पर भी कोर्ट अमीन सर्वे को लेकर आदेश दे सकता है. 


कोर्ट ने फैसला पहले ही सुरक्षित रखा है. उसे सुनाया जाना है कि क्या शाही ईदगाह का पहले कोर्ट कमीशन नियुक्त करके सर्वे कराया जाएगा, वहां की वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी कराई जाए या फिर सीपीसी 7/11 ( 7 रूल 11 ) वर्शिप एक्ट को वैध मानकर आगे उस पर सुनवाई की जाए. माना जा रहा है की इस मामले में कोई कोई बड़ा और अहम आदेश आज जारी कर सकता है. 


श्री कृष्ण जन्मभूमी और शाही ईदगाह विवाद


मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद काफी पुराना है.मथुरा का यह विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक से जुड़ा है.दरअसल, श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है.हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है. हिंदू पक्ष का इस जमीन पर भी दावा है.हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है.


ऐसा माना जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब आलमगीर ने 1669 में श्रीकृष्ण मंदिर को तुड़वाकर, वहां ईदगाह का निर्माण कराया था. हिंदू पक्ष का दावा है कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मस्थान कंस कारागार उसी ढांचे के नीचे स्थित है.वहां पर पहले केशवराय मंदिर हुआ करता था.


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