मथुरा, एबीपी गंगा। मथुरा के थाना सुरीर परिसर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक दंपति ने थाने में ही पेट्रोल डाल अपने को आग के हवाले कर लिया। आग में जले दंपति को अस्पताल में भर्ती है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस पूरे मामले पर फिलहाल पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस के सामने दंपति ने खुद पर पेट्रोल छिड़का और अपने आपक को आग के हवाले कर लिया, लेकिन पीआरवी मौके से भाग खड़ी हुई, जबकि थाने में मौजूद पुलिसकर्मी एक दूसरे का मुंह देखते रहे। दंपति को करीब आंधे घंटे बाद एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया।


बताया जा रहा है कि पीड़ित जुगेंद्र और उनकी पत्‍नी सुरीर के ही रहने वाले हैं। पिछले लंबे वक्त से सुरीर थाने में शिकायत लेकर चक्‍कर काट रहे थे। दरअसल, आरोप है कि गांव के ही दबंग सत्यपाल और उसके साथी न सिर्फ जुगेंद्र के साथ मारपीट करते थे, बल्कि घर मे घुसकर उनकी पत्नी के साथ भी मारपीट और बत्तमीजी की वारदात को अंजाम देते थे। गांव के दबंगों द्वारा उत्पीड़न की शिकायत को लेकर वे लगातार पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे थे। थाना इंजार्य दीपक नागर से भी शिकायत की, लेकिन आरोप है कि दीपक नागर नामक दरोगा की आरोपियों से साठगांठ होने के चलते कोई कार्रवाई नहीं होती थी।


इससे परेशान होकर उन्होंने थाने में पेट्रोल डालकर अपने आप को आग के हवाले कर दिया। ये सब देखकर पुलिसवालों के बीच हड़कंप मच गया। थाना सुरीर इंस्पेक्टर 3 दिनों से वीआईपी ड्यूटी में है, जिस कारण चार्ज वहीं के उप निरीक्षक दीपक नागर के पास था। दीपक नागर द्वारा इनकी कोई सुनवाई नहीं की गई, जिससे परेशान होकर दंपति ने थाने में आत्मदाह करने की ठान ली। फिलहाल, पुलिस उसे न्याय तो नहीं दिला पाई, लेकिन अब झुलसे दंपति को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, जहां वो जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। सुरीर निवासी जोगेंद्र पेशे से मजदूर हैं और काफी लंबे वक्त से गांव के दंबंगों द्वारा उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं।


इस मामले में एबीपी गंगा की खबर का असर हुआ है। जिसके बाद आरोपी दारोगा दीपक नागर को सस्पेंड कर दिया गया है।


जानें पूरा मामला


भट्टे पर मजदूरी करने वाले पीड़ित दंपति जोगेंद्र और उसकी पत्नी चंद्रवती ने बताया कि कुछ दिन पहले पड़ोस में रहने वाले बबलू, सुम्मो, सतपाल और थानसिंह ने उनके मकान पर कब्जा कर लिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में पुलिस से गुहार लगाई लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर ने संवाददाताओं को बताया, 'पीड़ित दंपति ने जिस पुलिस उप निरीक्षक दीपक नागर पर उनकी सुनवाई न किए जाने का आरोप लगाया है, उसे तुरंत निलंबित कर उसके आचरण की जांच कराई जाएगी।'


दंपति ने बताया कि पुलिस में शिकायत करने पर कब्जाधारी उनसे रोजाना मारपीट करते थे तथा जान से मार देने की धमकी देते थे। उन्होंने कहा कि और कोई रास्ता न सूझने पर उन्होंने थाना परिसर में आत्मदाह करने का प्रयास किया। पुलिस अधीक्षक माथुर ने बताया कि दंपति ने गत 23 अगस्त को नामजद शिकायत की थी तथा इस मामले में पीड़ित दंपति का डाक्टरी मुआयना भी कराया गया था। उन्होंने कहा कि फिर भी उपलब्ध तथ्यों के आधार पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई, यह भी जांच का विषय है।


घटना के बाद से आरोपी फरार 


एसएसपी ने बताया, 'आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर उनकी तलाश की जा रही है।' गंभीर रूप से जल चुके पति-पत्नी को जिला अस्पताल ले जाया गया। एसएसपी के अनुसार, पीड़ित दंपती को अब नयति मेडिसिटी मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है और यदि जरूरत पड़ी तो उससे भी बेहतर अस्पताल में उनका इलाज कराया जाएगा।


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