मथुरा: इस्कॉन मंदिर के पीआर डायरेक्टर (पब्लिक रिलेशन निदेशक) सौरभ त्रिविक्रम दास के खिलाफ कोतवाली वृंदावन में फर्जीवाड़े और अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आरोप है कि गलत तरीके से रसीदें लेकर इस्कॉन के भक्तों से मोटी रकम भी वसूली है. फिलहाल इस्कॉन मंदिर प्रशासन ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है.


सामने आया फर्जीवाड़ा
वृंदावन इस्कॉन मंदिर के सचिव देवाशीष घोष ने एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर से मुलाकात करके पूरे मामले की जानकारी दी. एसएसपी ने पूरे मामले की जांच कराई तो वास्तव में पीआर डायरेक्टर सौरभ त्रिविक्रम दास का फर्जीवाड़ा सामने आ गया. एसएसपी के आदेश पर कोतवाली वृंदावन में शनिवार की देर शाम मुकदमा दर्ज कर लिया गया. सचिव देवाशीष घोष ने बताया कि सौरभ ने 2017 में इस्कॉन मंदिर में आकर पीआर डायरेक्टर का पद संभाला था.


हिसाब मंदिर प्रशासन को नहीं दिया
कई बार उससे आईडी प्रूफ मांगा गया पर उसने नहीं दिखाया. इतना जरूर है कि वो विश्वास जमाता चला गया. इसके बाद पीआर डायरेक्टर साल 2021 में इस्कॉन मंदिर की छपी रसीद अपने कब्जे में कर लीं. इसके बाद आने वाली दानदाताओं की रकम का कोई हिसाब मंदिर प्रशासन को नहीं दिया.


मुकदमा दर्ज
सचिव ने बताया कि कई बार तो वो अपने व्यक्तिगत अकाउंट में भी भक्तों ने चंदा एकत्रित करके लेता था. सचिव ने बताया कि कई दानदाताओं से इस्कॉन मंदिर की एवज में लाखों रुपये वसूले हैं. अब यह दानदाताओं की दी गई रकम कभी मंदिर के खाते में जमा नहीं हो सकी. एसपी सिटी एमपी सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा.


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