Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद जमीन विवाद मामले को लेकर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में करीब एक घंटे तक सुनवाई हुई. विवादित परिसर का एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे कराए जाने के मामले में सुनवाई हुई है. मंदिर पक्ष के अधिवक्ताओं ने दो वकील और एक रिटायर्ड न्यायिक अधिकारी को कोर्ट कमीशन में रखे जाने का अनुरोध किया है. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का विरोध किया.
मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि उनकी तरफ से बहस करने वाले एक अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद नहीं है. मुस्लिम पक्ष ने ये भी दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट में 16 जनवरी को मामले की सुनवाई होनी है. इसलिए मुस्लिम पक्ष ने मामले की सुनवाई टालने का अनुरोध किया. हालांकि कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला रिजर्व कर लिया है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई है.
हिंदू पक्ष ने दी ये दलील
हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि कोर्ट कमिश्नर जल्द नियुक्त किया जाना चाहिए. क्योंकि विवादित परिसर में हिंदुओं के प्रतीक चिन्ह को नष्ट करने का प्रयास हो रहा है. प्रतीक चिन्ह नष्ट होने पर अस्तित्व खत्म हो जाएगा. कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही में विवादित परिसर का फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी करने की मांग की गई है. सर्वे के बाद पूरा रिकॉर्ड कोर्ट में पेश किया जाए. हिंदू पक्ष ने मुस्लिम पक्ष द्वारा बार-बार सुनवाई टालने का विरोध किया.
कोर्ट ने एएसआई से जवाब देने को कहा
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक शूट नंबर तीन जिसमें औरंगजेब श्री कृष्ण जन्मभूमि से विग्रह को ले जाकर आगरा के जामा मस्जिद में लगा दिया था. इसे पूरे मामले से अलग रखा गया है. अदालत ने मथुरा विवाद से जुड़े सभी सोलह मुकदमों की एक साथ सुनवाई करने का आदेश दिया है. इस मामले में कोर्ट ने एएसआई से जवाब देने को कहा है.
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने उम्मीद जताई है कि एक-दो दिन में मामले का फैसला आ जाएगा. कोर्ट ने दिसंबर महीने में विवादित परिसर का एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे का आदेश दिया था. वहीं केस से जुड़े वादी आशुतोष पांडेय ने कोर्ट से हिंदुओं के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद जताई है.
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