Mathura News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा-वृन्दावन नगर निगम (Nagar Nigam Mathura Vrindavan) के महापौर मुकेश कुमार वाल्मीकि पर एक पीड़ित परिवार ने बीस लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. नगर आयुक्त ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित कर दी है. पीड़ित परिवार ने निगम की कार्यकारिणी की बैठक के दौरान आरोप लगाए और चेतावनी दी है कि यदि न्याय न मिला तो वे अपने परिवार के सभी नौ सदस्यों के साथ महापौर (Mayor) के निवास के निकट आत्महत्या कर लेगा.


आर्य समाज रोड पर दर्जी की दुकान करने वाले लख्मीचंद पाल और उनकी पत्नी शिल्पी पाल ने बुधवार को निगम की कार्यकारिणी की बैठक में अचानक पहुंचकर महापौर पर आरोप लगाया कि निगम के मालिकाना हक वाली जिस दुकान में वे दर्जी का कार्य करते हैं, उसे खाली नहीं कराने की ऐवज में महापौर ने बीस लाख रुपये की रिश्वत मांगी है. परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि पैसे नहीं देने पर दुकान किसी जोहरी को देने की बात कही गई.


निगम की संपत्ति पर अवैध कब्जा नहीं होने देंगे- महापौर


वहीं, आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए महापौर ने कहा कि लख्मीचंद न तो दुकान का मालिक है और न ही किराएदार. वह किराए की रसीद तक नहीं दिखा सका है. उन्होंने कहा कि केवल दुकान हड़पने के लिए झूठा आरोप लगा रहा है और निगम की संपत्ति पर अवैध कब्जा नहीं होने देंगे.


इस बीच, नगर आयुक्त अनुनय झा ने कहा कि महापौर पर लगे आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है. इसमें पार्षद रश्मि शर्मा, तिलकवीर सिंह, सहायक नगर आयुक्त राजकुमार मित्तल, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी शिवकुमार गौतम और कर अधीक्षक उम्मेद सिंह शामिल हैं. यह समिति बोर्ड बैठक में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी.



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