UP News: गोवर्धन (Govardhan) में आज धूमधाम के साथ मुड़िया शोभायात्रा (Mudiya Sobha Yatra) निकाली गई. इस शोभा यात्रा के साथ ही मुड़िया मेले (Mudiya Mela) का समापन हो जाएगा. यात्रा के दौरान मुड़िया संत ढोल-मृदंगों की थाप पर थिरकते और प्राचीन परंपरा का पालन करते नजर आए. यात्रा की शुरुआत चकलेश्वर से हुई और पूरे कस्बे में श्रद्धालु घूमते नजर आए.


चकलेश्वर के श्रीराधा श्याम सुंदर मंदिर से बाबा रामकृष्ण दास महाराज के सानिध्य में मुड़िया शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें सभी मुड़िया संत ढोल, मृदंग और खंजरी की थाप पर नाचे. यह यात्रा राधा श्याम सुंदर मंदिर से निकली और दसविसा हरदेवजी मंदिर, बड़ा बाजार के दानघाटी मंदिर और हाथी दरवाजा होते हुए अपने गंतव्य स्थान पर पहुंची. इसमें बड़ी संख्या में साधू-संतों ने हिस्सा लिया. शोभा यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का भी इंतजाम किया गया था. 


Guru Purnima 2022: रामनगरी अयोध्या में गुरु-शिष्य परंपरा के साक्षी बने मठ, गुरुओं की पूजा करने पहुंचे शिष्य


500 साल  से अधिक पुरानी है यात्रा परंपरा


आपको बता दें की यह परंपरा पिछले 500 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है. कहा जाता है कि माधव गौडीय-सम्प्रदाय के आचार्य श्रीपाद सनातन गोस्वामी, श्री चैतन्य महाप्रभु के आदेश पर ब्रजभूमि पधारे थे. उस दौर में गोवर्धन ही उनकी भजन-स्थली बन गई थी. सनातन गोस्वामी अपने बालों का मुंडन कर भजन-साधना में लीन रहते थे, इसलिए सभी उन्हें मुड़िया बाबा के नाम से जानते हैं. वह हर दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते थे. इसलिए जब उन्होंने गुरु-पूर्णिमा के दिन अपना शरीर त्यादा तो गुरु की आज्ञा पाकर उनके अनुयायियों ने बालों का मुंडन कर मुड़िया शोभायात्रा निकाली और गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की. तब से लेकर आज तक यही परंपरा चली आ रही है.


Kanwar Yatra 2022: इस बार 'बुलडोजर कांवड़' से जल भरेंगे मेरठ के श्रद्धालु, मुस्लिम युवा भी कांवड़ बनाने में दे रहे साथ