Mathura News: 31 जुलाई को हरियाली तीज के अवसर पर जन-जन के आराध्य ठाकुर श्री बांके बिहारी स्वर्ण रजत हिंडोले में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देने जा रहे हैं. हिंडोले को 1 लाख तोले चांदी और 2200 तोले सोने और शीशम की लकड़ी से तैयार किया गया है. बता दें कि 15 अगस्त 1947 को तैयार हुए हिंडोले को बनाने में 20 कारीगरों को 5 साल का समय लगा था.


आजादी के समय बनाया गया था हिंडोला
साल 1947 को तैयार हुए इस हिंडोले में लगभग 25 लाख रुपए की लागत लगी थी. हरियाली तीज के मौके पर ठाकुर श्री बांके बिहारी सुबह 7:45 से दोपहर 2:00 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक स्वर्ण रजत जड़ित हिंडोले में विराजमान हो कर भक्तों को दर्शन देंगे. इसी के साथ 31 जुलाई की सुबह से वृंदावन में बाहरी वाहन प्रवेश नहीं कर पाएंगे. हरियाली तीज के पर्व को देखते हुए यातायात व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है.


पार्किग को लेकर ये है व्यवस्था 
सुरक्षा की दृष्टि से वृंदावन शहर को 5 जोन और 14 सेक्टर में बांटा गया है. ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भीड़ के दबाव को देखते हुए दर्शन की वनवे व्यवस्था की गई है. श्रद्धालुओं को गेट नंबर 2और 3 से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा जबकि श्रद्धालु गेट नंबर 1 और 4  से बाहर निकल सकेंगे. साथ ही बाहर से आने वाले वाहनों के लिए वृंदावन में पहले ही पार्किंग बनाई गई है. बता दें कि इस हिंडोले को बनाने में लगभग 5 साल का समय लगा था और जब यह हिंडोला बनकर तैयार हो गया तो 1947 में हरियाली तीज के दिन 15 अगस्त की तारीख थी और पहली बार ठाकुर श्री बांके बिहारी ने 15 अगस्त 1947 के दिन ही इस हिंडोले पर बैठकर अपने भक्तों को दर्शन दिए है. तभी से यह परंपरा चली आ रही है.


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