Mathura News: अयोध्या में राम मंदिर अब बनकर तैयार होने वाला है. 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा. वहीं इससे पहले 1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले कारसेवकों की आत्मा की शांति के लिए कार्यक्रम किया जाएगा. मथुरा में अखिल भारत हिन्दू महासभा के सदस्य मृतकों की आत्मा की शांति के लिए यमुना किनारे विश्राम घाट पर उनका पिंडदान करेंगे.
'जान गंवाने वाले कारसेवकों का होगा पिंडदान'
अखिल भारत हिन्दू महासभा (ABHM) की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने कहा कि 1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले कारसेवकों का छह दिसंबर को मथुरा में यमुना किनारे विश्राम घाट पर 'पिंड दान' किया जाएगा. चौधरी ने अयोध्या में हुई उस घटना का जिक्र किया, जिसमें पुलिस ने शहर की ओर मार्च कर रहे कारसेवकों पर गोलियां चलाई थीं.
'कारसेवकों का बलिदान भुलाया नहीं जा सकता'
उन्होंने एक प्रेसवार्ता में कहा, ''अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कारसेवकों ने जो बलिदान दिया है, उसे हम कभी भुला नहीं सकते. जब राम मंदिर निर्माण का प्रथम चरण पूरा होने के बाद रामलला को वहां विराजमान किया जा रहा है, तब हमें उन्हें याद करना आवश्यक है.''
कारसेवकों ने न्यौछावर किए थे प्राण
अखिल भारत हिन्दू महासभा (ABHM) की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने आगे कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए कारसेवा के दौरान अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सभी कारसेवकों के पिंडदान किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि 'पिंड दान' छह दिसंबर को मथुरा में यमुना के तट पर विश्राम घाट पर किया जाएगा. बाबरी मस्जिद का ढांचा छह दिसंबर, 1992 को ध्वस्त कर दिया गया था.
मंदिर के पक्ष में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला
9 नवंबर साल 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अयोध्या में राम मंदिर बनाने का आदेश दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया था. जिसके बाद से मंदिर का निर्माण जोर-शोर के साथ शुरू हुआ था.
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